नहीं हुए वैकल्पिक इंतजाम, तो कैसे चले आक्सीजन प्लांट
वर्षों से जर्जर करहिया स्थित आक्सीजन प्लांट को जोड़-तोड़कर जब संचालन शुरू हुआ तो शासन-प्रशासन स्वयंसेवी संगठन सहित पूरे सरकारी तंत्र में इसका श्रेय लेने की होड़ मची रही। यहां तक कि जनपद को वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर जनपद होने का ऐलान किया जाने लगा लेकिन एक सप्ताह में ही प्लांट का उत्पादन ठप हो जाने से जनपद में एक बार फिर से आक्सीजन की गंभीर किल्लत उत्पन्न हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सर्वाधिक मौतें आक्सीजन के अभाव में ही हो रही हैं।
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : वर्षों से जर्जर करहिया स्थित आक्सीजन प्लांट को जोड़-तोड़कर जब संचालन शुरू हुआ तो शासन-प्रशासन, स्वयंसेवी संगठन सहित पूरे सरकारी तंत्र में इसका श्रेय लेने की होड़ मची रही। यहां तक कि जनपद को वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर जनपद होने का ऐलान किया जाने लगा, लेकिन एक सप्ताह में ही प्लांट का उत्पादन ठप हो जाने से जनपद में एक बार फिर से आक्सीजन की गंभीर किल्लत उत्पन्न हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सर्वाधिक मौतें आक्सीजन के अभाव में ही हो रही हैं।
देश व प्रदेश के साथ परिक्षेत्र में भी आक्सीजन का नितांत अभाव है। अनपरा के करहिया में स्थित आक्सीजन प्लांट को किसी प्रकार शुरू कराया गया, कितु छह वर्ष से बंद होने के कारण प्लांट संचालन के संबंध में शुरू से ही संशय जताया जा रहा था। अंतत: एक सप्ताह के अंतराल में ही मेन मोटर जल जाने के कारण आक्सीजन प्लांट बंद हो गया है। समस्या के संदर्भ में बात करने पर प्रभारी मंत्री के पीए ने बताया कि इस संबंध में उन्हें अवगत करा दिया जाएगा। प्रतिदिन 200 सिलेंडरों की जरूरत
जनपद के सरकारी व निजी चिकित्सालयों सहित होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए प्रतिदिन 200 आक्सीजन सिलेंडरों की आवश्यकता पड़ रही है। आक्सीजन प्लांट के संचालन से काफी राहत मिल रही थी लेकिन प्लांट के बंद होने के कारण एक बार फिर से समस्या खड़ी हो गई है। एमपी बार्डर पर सख्ती से परेशानी
सीमावर्ती मध्यप्रदेश राज्य के सिगरौली जिले से लगी सीमा पर पुलिस द्वारा सख्ती बढ़ाने से जनपद के नागरिकों की परेशानी और भी बढ़ गई है। पहले सहजता से सिगरौली से आक्सीजन सिलेंडर प्राप्त हो जाता था लेकिन वहां मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण जिला प्रशासन ने नियम कड़े कर दिए हैं। नहीं मिल पाया लिक्विड आक्सीजन
जिला प्रशासन द्वारा करहिया प्लांट को संचालित करने के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लिक्विड आक्सीजन प्राप्त करने की भी कवायद की जा रही थी। प्रदेश शासन द्वारा सोनभद्र को लिक्विड आक्सीजन उपलब्ध कराने की अनुशंसा भी की गई थी, कितु इसी बीच करहिया प्लांट से उत्पादन शुरू हो जाने के बाद जनपद के लिए आवंटित आक्सीजन अन्य जनपदों में भेज दिया गया। महज पांच टन मिला है आक्सीजन
प्रदेश स्तर से जनपद स्थित पटवध प्लांट को गत दिनों महज पांच टन आक्सीजन उपलब्ध कराया गया है। ऐसे में यदि जल्द ही करहिया प्लांट को संचालित नहीं किया गया तो गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगी। वर्जन--
जनपद में आक्सीजन की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है। करहिया आक्सीजन प्लांट बंद होने के बाद मीरजापुर व वाराणसी से आक्सीजन मंगाकर काम चलाया जा रहा है।
-डा. अमित पाल शर्मा, सीडीओ सोनभद्र।
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करहिया आक्सीजन प्लांट को उत्पादनरत करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अतिशीघ्र प्लांट से उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है।
रमेश कुमार, एसडीएम दुद्धी।
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अभी जनपद में आक्सीजन की किल्लत नहीं है। जिन मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता है उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है।
डा. नेम सिंह, सीएमओ, सोनभद्र।