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अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन

जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) तहसील मुख्यालय के मुंसिफ न्यायालय परिसर में स्थित डा. राजेंद्र।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 09:57 PM (IST)
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय के मुंसिफ न्यायालय परिसर में स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद सभागार में बुधवार की रात कवियों के नाम रही। कौमी एकता समिति के बैनर तले आयोजित 35वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि ने बतौर मुख्य अतिथि मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके पश्चात कवियत्री विभा शुक्ला ने मां वीणा वाली की आराधना कर आयोजन को गति दिया। गोरखपुर के गीतकार मनमोहन मिश्र ने नफरत का जाम मुझसे तो ढाला न जाएगा, ये काम मेरे दिल से संभाला न जाएगा, औकात जानता हूं मैं अपने शदू का कीचड़ किसी पर मुझसे उछाला न लाना जाएगा.. जैसी गीत सुनाकर बाहबाही बटोरी।

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कवि लोकनाथ अनगढ़ ने अपनी रचना बीवियों पर व्यंग्य कसते हुए आई हो मेरी जिदगी में तुम जुगाड़ बनके, मेरे घर में सोई रहती हो तुम पहाड़ बनके.. जैसी रचना लो.. के बीच रखी जिसे साहित्य प्रेमियों ने जमकर सराहा। शायर हसन सोनभद्री ने किसी मछली को पानी से निकालो मेरी चाहत का अंदाजा लगा लो, खिजा में एक नजर पत्तों पर डालो मेरी हालात का अंदाजा लगा.. जैसी गीत सुनाई। गढ़वा झारखंड से पधारे कवि राम अवध पुष्कल ने लिखना बहुत कठिन है पानी से पानी पर पानी लिखना बहुत कठिन है.. तथा कवि इमरान बनारसी ने तेरे वाले कमान वाले हैं.. बड़ी आन बान वाले हैं जिसका सम्मान करते हैं दुनिया हम वह हिदुस्तान वाले हैं.. सुनाई। जबकि बनारस से पधारे कवि नागेश शांडिल्य ने अखबारों में एक समाचार रहता है जरूर दो बच्चे की मां दो बच्चों के पिता के संग फुर्र.. तथा प्राइमरी स्कूलों की दशा पर व्यंग्य रचना पढ़कर जमकर बाहबाही लूटी। कवि बादशाह प्रेमी ने ''सुना है इश्क में गधे भी सूखी घास खाते हैं.. पागल लोग हैं.. प्यार में सल्फास खाते.. जैसी कविता पढ़ी। मंच की एक मात्र कवियत्री विभा शुक्ला ने अगले जन्म में मिलने का वादा ना कीजिए मैं पूर्णिमा का चांद हूं, आधा न कीजिए। मैं रुकमणी हूं आपकी अधिकार है, मेरा अधिकार छीन के मुर्म राधा ना कीजिए.. जैसी गीत पढ़कर दिलों में जगह बना गईं। सोनभद्र जिले के म्योरपुर के युवा कवि यथार्थ विष्णु दयाल ने लाकडाउन में भी किसानों की भूमिका पर कविता पढ़ी। उनकी पंक्ति फक्र मुझे है भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं.. जैसी रचनाएं कवियों ने प्रस्तुति किया। इसमें रामलोचन तिवारी, रामपाल जौहरी, सत्यनारायण यादव, मदन मोहन तिवारी, शिवशंकर गुप्ता, रामेश्वर राय, धर्मेन्द्र सिंह, मनोज पांडेय, प्रभु सिंह, जगदीश्वर जायसवाल आदि लोग उपस्थित रहे।


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