मत्स्य पालन अपनाएं, बेरोजगारी दूर भगाएं
रोजगार के अवसर बढ़ाने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। तमाम लोगों को इन योजनाओं की जानकारी न होने के कारण वे उसका लाभ नहीं ले पाते। मत्स्य पालन विभाग भी योजनाओं को संचालित कर रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र:
रोजगार के अवसर बढ़ाने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। तमाम लोगों को इन योजनाओं की जानकारी न होने के कारण वे उसका लाभ नहीं ले पाते। मत्स्य पालन विभाग भी योजनाओं को संचालित कर रहा है। इनके सहायक निदेशक मत्स्य विजय पाल ने अहम जानकारी दी। बातचीत के कुछ अंश.. सवाल : मत्स्य पालन विभाग से किन योजनाओं को अपनाकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं?
जवाब : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को अपनाकर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। इसमें ग्राम सभा के तालाब का पट्टा किया जाता है और लाभार्थी को अनुदान मिलता है। सवाल : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है?
जवाब : इस योजना के दो रूप है। यदि कोई सामान्य वर्ग का व्यक्ति ग्राम सभा के तालाब में मत्स्य पालन करता है तो उसे 40 फीसद व एससीएसटी महिला इस योजना से जुड़ती है तो तो उसे 60 फीसद अनुदान दिया जाता है।
सवाल : किसान के निजी तालाबों के लिए भी कोई योजना है?
जवाब : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना निजी तालाब में मछली पालन पर भी लागू है। इसमें सात लाख रुपये तालाब के निर्माण व डेढ़ लाख रुपये निवेश की व्यवस्था है। इसमें भी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को 40 व एससीएसटी महिला लाभार्थी को 60 फीसद तक अनुदान दिया जाएगा। सवाल : बायो फ्लाक योजना क्या है?
जवाब : इस योजना के तहत सरकार लाभार्थी को 14 लाख रुपये ऋण देती है। इसमें मत्स्य पालक को 82 प्रजाति की मछलियों के पालन की सुविधा है। इसमें भी सामान्य वर्ग को 40 व एससी-एसटी महिला को 60 फीसद अनुदान की व्यवस्था है।