अराजकत्व शिक्षा मंदिरों को बना रहे निशाना
जागरण संवाददाता सोनभद्र नशेड़ी शिक्षा मंदिर को क्षति पहुंचा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : नशेड़ी शिक्षा मंदिर को क्षति पहुंचा रहे हैं। राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र में दो माह के दौरान आधा दर्जन स्कूलों में चोरी हुई या संपत्ति को क्षति पहुंचाई गई है। इससे शिक्षकों की परेशानी बढ़ रही है।
जिला प्रशासन ने स्कूलों में हैंडवाश, विद्युतीकरण, वायरिग, सबमर्सिबल लगाने के साथ ही भवन का डिस्टेंपर करने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रति स्कूल 25-25 हजार रुपये भी प्रबंध समिति के खाते में धन पहुंच गया है। स्कूलों की दशा सुधारने के लिए युद्धस्तर पर काम भी चला रहा है या तमाम स्कूलों में कार्य भी पूरा हो चुका है। जिन स्कूलों में कार्य पूरा हो गया है वहां की संपत्ति को बचाना शिक्षकों के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। आबादी के बीच वाले स्कूल तो सुरक्षित हैं, लेकिन जो गांव के बाहर स्कूल हैं वे नशेड़ियों व अराजकत्वों का अड्डा बना रहे हैं। स्कूल बंद होने के बाद उसका इस्तेमाल वे नशा पूरा करने के लिए कर रहे हैं। इनके द्वारा कभी दरवाजा तोड़ दिया जा रहा है तो कभी वायरिग नोच दी जा रही है। स्कूलों में डेस्क भी पहुंच रहा है। शिक्षकों को डर है कि किसी दिन स्कूल के दरवाजे का ताला तोड़कर चोरी न कर लिया जाए।
राबर्ट्सगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गोरारी में एक वर्ष में तीन बार चोरी व तोड़फोड़ की घटना को नशेड़ियों द्वारा अंजाम दिया गया है। नशेड़ियों के कहर से प्राथमिक विद्यालय पेटराही, प्राथमिक विद्यालय भड़रा व प्राथमिक विद्यालय तिलौली भी नहीं बच सका है। इन स्कलों में चोरी की कई घटनाएं हो चुकी है। पुलिस दर्ज नहीं करती प्राथमिकी
सोनभद्र : प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में चोरी या तोड़फोड़ की लिखित तहरीर शिक्षकों व प्रधानों द्वारा तत्काल संबंधित थाना पुलिस को दी जाती है। पुलिस घटना स्थल का मुआयना भी करती है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने में हीलाहवाली कर जाती है। जिसका खामियाजा शिक्षकों को अपनी जेब से खर्च कर स्कूल की मरम्मत करने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। यदि प्राथमिकी दर्ज हो तो विभागीय नियमों के तहत वह धन सरकार देती है। डीएम से करेंगे वार्ता, उठाया जाएगा कदम
जिलाधिकारी से इस संबंध में अगली बैठक में वार्ता कर उचित कदम उठाया जाएगा। यह गंभीर मामला है। यदि किसी शिक्षक की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं। प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
- डा. गोरखनाथ पटेल, बीएसए।