तीन हजार संविदाकर्मियों के मानदेय पर ग्रहण
स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात तीन हजार से अधिक कर्मचारियों के मानदेय पर ग्रहण लग गया है। वजह नवंबर 2020 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के खातों से 92.10 लाख रुपये उड़ाने का है। इस मामले की जांच साइबर क्राइम मीरजापुर की टीम कर रही है लेकिन खातों के संचालन पर रोक लगने के कारण संविदा कर्मियों को मानदेय नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थियों को भी धन नहीं मिला है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात तीन हजार से अधिक कर्मचारियों के मानदेय पर ग्रहण लग गया है। वजह नवंबर 2020 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के खातों से 92.10 लाख रुपये उड़ाने का है। इस मामले की जांच साइबर क्राइम मीरजापुर की टीम कर रही है, लेकिन खातों के संचालन पर रोक लगने के कारण संविदा कर्मियों को मानदेय नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थियों को भी धन नहीं मिला है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तीन खातों से नवंबर 2020 से अलग-अलग दिनों में 92.10 लाख रुपये उड़ा दिया गया। फरवरी में इस मामले का खुलासा होने के बाद बखेड़ा हो गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीके अग्रवाल की तहरीर पर आनन-फानन में साइबर क्राइम सेल मीरजापुर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। साइबर क्राइम की टीम कई चक्र में इस मामले की जांच कर रही है। जांच में कई अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। 92.10 लाख के इस मामले की वजह से जनपद में स्वास्थ्य विभाग में तैनात करीब तीन हजार संविदा कर्मियों व आशाओं के मानदेय पर ग्रहण लग गया है। जनपद में आशाओं की संख्या दो हजार के आस-पास है जबकि एक हजार संविदा कर्मी है। इन कर्मियों को एनएसएम द्वारा ही मानदेय दिया जाता है। इतना ही नहीं जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता को 14 सौ व शहरी क्षेत्र की प्रसूता को एक हजार रुपये मिलता है। इन खातों में हुई गड़बड़ी की वजह से उनके भुगतान पर भी रोक लग गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह ने बताया कि खातों का संचालन शुरू हो गया है। शुक्रवार को बिल बनाकर बैंक को भेज दिया है। जल्द ही भुगतान हो जाएगा।