आदिवासियों के विकास के लिए अलग सोनांचल राज्य जरूरी
आदिवासियों के विकास के लिए अलग सोनांचल राज्य जरूरी
आदिवासियों के विकास के लिए अलग सोनांचल राज्य जरूरी
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: सोनांचल संघर्ष वाहिनी की जनसभा रविवार को कोन ब्लाक के पड़रछ गांव के धरना टोला में हुई। अध्यक्षता ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अमरेश यादव ने किया। यहां सोसंवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता रोशन लाल यादव ने कहा कि सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, भदोही, कैमूर (भभुआ), गढ़वा और सिंगरौली को मिलाकर अलग राज्य सोनांचल बनाये जाने की आवाज 1992 से सोनांचल संघर्ष वाहिनी लगातार बुलंद करती चली आ रही है।
कहा कि देश मे कई छोटे राज्य मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, पांडिचेरी, गोवा, सिक्किम और गोरखालैंड हैं जो सोनांचल के क्षेत्रफल, आबादी से छोटे हैं। जहां एक मात्र संसदीय सीटें हैं और इन तमाम छोटे राज्यों से सोनांचल आर्थिक रूप से भी मजबूत है। चेताया कि यदि अलग राज्य की मांग पूरी नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन होगा। संचालन चंद्रदेव चेरो ने किया। इस मौके पर भोला यादव, रविंद्र यादव, अन्नू खान, सलमान खान, महेंद्र चेरो, राजकुमार चेरो आदि मौजूद रहे।