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बिजली की मांग का 9212 मेगावाट नया रिकार्ड

मानसून आगमन के साथ बढ़े उमस के कारण बिजली की मांग में भारी उछाल आया है। गुरुवार रात 10 बजे बिजली के प्रतिबंधित मांग का नया रिकार्ड बना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 06:14 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:14 PM (IST)
बिजली की मांग का 9212 मेगावाट नया रिकार्ड
बिजली की मांग का 9212 मेगावाट नया रिकार्ड

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : मानसून आगमन के साथ बढ़ी  उमस के कारण बिजली की मांग में भारी उछाल आया है। गुरुवार रात 10 बजे बिजली के प्रतिबंधित मांग का नया रिकार्ड बना है। गत दो दिनों के दौरान प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश नहीं होने के कारण अधिकतम प्रतिबंधित मांग 22,9,12 मेगावाट तक पहुंच गई। अभी तक अधिकतम प्रतिबंधित मांग का रिकार्ड 22,5,99 मेगावाट था, जो बीते 23 जुलाई 2019 को बना था।

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मांग बढ़ने के कारण प्रदेश में गत पीक ऑवर के दौरान 1,030 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी। इस बीच उत्पादन निगम की कई इकाइयों के बंद होने से यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को उपलब्धता बनाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। मांग में जिस तरह वृद्धि दर्ज हो रही है उससे संभावना है कि मांग का आंकड़ा पहली बार 23 हजार मेगावाट भी पार कर जाएगा। बतादें कि गत जून माह में ही बिजली की उपलब्धता का भी दो बार रिकार्ड बना था। 12 जून की रात में पीक ऑवर के दौरान 22,1,10 मेगावाट की उपलब्धता बनाकर यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने नया कीर्तिमान बनाया था। इससे पहले 11 जून को ही उपलब्धता के मामले में 21,8,31 मेगावाट का नया रिकार्ड बना था। इससे पहले उपलब्धता का रिकार्ड गत वर्ष 23 जुलाई को 21632 मेगावाट का था। इतनी उपलब्धता बनाने वाला महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा प्रदेश है। हालांकि इतनी उपलब्धता के बावजूद महानगरों एवं जिला मुख्यालयों को छोड़ दिया जाए तो तमाम तहसील और ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे से ज्यादा की कटौती की जा रही है। सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाले सोनभद्र के ही 90 फीसद क्षेत्रों में औसतन 20 घंटे या उससे कम की आपूर्ति की जा रही है। ओबरा की इकाई चालू 

गत दो दिनों के दौरान बंद हुई ओबरा की दो इकाइयों में 200 मेगावाट वाली 12वीं इकाई को चालू कर दिया गया है। इसके अलावा ब्वायलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद हुई नौवीं इकाई को भी चालू करने का प्रयास जारी है। शुक्रवार की दोपहर बाद तक ओबरा की 10वीं इकाई से 112 मेगावाट, 11वीं इकाई से 108 मेगावाट तथा 12वीं इकाई से 102 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर, रिहंद और ओबरा जलविद्युत घरों की इकाइयों से भी निरंतर उत्पादन कराया जा रहा है। जिसके कारण 15 दिनों बाद पुन: रिहंद डैम के जलस्तर में कमी हुई है। पिछले 24 घंटे में रिहंद के जलस्तर में 0.1 फीट की कमी आई है। रिहंद का जलस्तर शुक्रवार को 846.8 फीट था। शुक्रवार को रिहंद की चार और ओबरा की दो इकाइयों से कुल 201 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। मानसून को देखते हुए संभावना है कि अब अगले कई माह तक जलविद्युत उत्पादन की स्थिति ठीक रहेगी। 


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