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अतिक्रमणकारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम

शासन के निर्देश पर स्थानीय सरकारी बस स्टैंड पर दशकों से हुए अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया व्यवहारिक तौर पर पुन शुरू हो गयी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 06:25 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 10:00 PM (IST)
अतिक्रमणकारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम
अतिक्रमणकारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : स्थानीय सरकारी बस स्टैंड पर दशकों से हुए अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया पुन: शुरू हुई है। गुरुवार को एसडीएम सदर यमुनाधर चौहान ने रहवासियों को 48 घंटे के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया साथ ही बताया कि 14 मार्च को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इससे पहले बुधवार को नगर पंचायत द्वारा ध्वनि यंत्र से रहवासियों को जमीन से हटने की सूचना प्रसारित की गई थी। गुरुवार को एसडीएम के पहुंचने पर भी भारी संख्या में पहुंचे रहवासियों ने अपना विरोध जताया। रहवासियों ने कहा कि न्यायालय में मामला विचाराधीन है जिस कारण हमलोगों को और समय दिया जाए। इससे पहले बीते 11 नवंबर और 22 अगस्त को दर्जनों अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर चलाया गया था। 22 अगस्त को हुई कार्रवाई के बाद प्रशासन ने सभी रहवासियों को तत्काल जगह खाली करने का कुछ दिन और मौका दिया था। लेकिन आठ नवंबर को अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा औचक निरीक्षण में अतिक्रमण यथावत पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई थी। 11 नवम्बर को पुन: अतिक्रमण हटाने का सिलसिला शुरू किया गया था। उसी दिन दशकों बाद बस अड्डे के अंदर परिवहन निगम की बस को ले जाने में प्रशासन ने सफलता प्राप्त की थी। हालांकि उसके बाद पिछले चार महीने से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान परिवहन विभाग के आरके सिंह, ओबरा थाना प्रभारी शैलेश राय, ओबरा व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील गोयल, रमेश सिंह यादव, आलोक भाटिया, सुशील कुशवाहा, मिथिलेश अग्रहरि, सभासद मुन्ना देवी सहित सैकड़ों रहवासी मौजूद रहे। 193 दुकानदारों को नोटिस

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जून में अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में पहुंची राजस्व और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की संयुक्त टीम ने विवादित जमीन पर जमे 193 दुकानदारों को नोटिस तामिल कराकर जमीन को खाली कराए जाने का निर्देश दिया था। बता दें कि लगभग तीस वर्ष पूर्व बस स्टैंड बनाकर सरकारी बसों का संचालन किया जाता रहा। यहां डिपो भी हुआ हुआ करता था। लेकिन प्रशासन की उदासीनता तथा न्यायालय में चल रहे मामले के बीच धीरे-धीरे बस स्टैंड में झोपड़ी, छप्पर आदि लगाकर जीविकोपार्जन करने लगे। भारी संख्या में पक्के मकान और दुकान बना लिए गए। यहां पीएम आवास भी पाया गया है। सदर एसडीएम ने बताया कि रोडवेज बस स्टैंड की जमीन पर अतिक्रमण कुछ स्थायी व कुछ अस्थाई है। जिसको हटवाने के लिए शासन से मिले निर्देश के तहत हटाया जा रहा है।


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