आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्जी मिले 40 हजार बच्चे व महिलाएं
बीते सितंबर माह में कराए गए सर्वे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्जीवाड़े बात सामने आई है। उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 14 लाख से भी अधिक बच्चे फर्जी पाए गए हैं। यह आंकड़ा इतना बड़ा इस लिए है क्योंकि सोनभद्र जैसे जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी करीब चालीस हजार बच्चों, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताएं, किशोरियां के नाम फर्जीवाड़े में शामिल है। जिले से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजते हुए फिलहाल नाम हटा दिया गया है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : यूपी के आंगनबाड़ी केंद्रों में 14 लाख से ज्यादा फर्जी बच्चों के पाए जाने के हुए खुलासे में आदिवासी बाहुल्य जनपद सोनभद्र भी शामिल है। यहां पंजीकृत रहे बच्चों व धात्री महिलाओं में 40 हजार फर्जी पाए गए हैं। इसका खुलासा होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजते हुए इनका नाम सूची से काट दिया गया है। गत सितंबर माह में कराए गए सर्वे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्जीवाड़े बात सामने आई है।
सूत्रों के अनुसार जिले के 1825 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार व अन्य सुविधा लेने वाले बच्चों, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं, 11 से 14 साल की वह किशोरियां जो स्कूल नहीं जाती हैं उनका सर्वे अप्रैल 2018 में कराया गया था। उस समय जो आंकड़ा सामने आया उसे विभाग ने शासन को भेज दिया। इसके बाद शासन को फर्जीवाड़े की आशंका हुई तो पुन: सितंबर माह में सर्वे कराया। इस सर्वे में पता चला कि करीब 40 हजार नाम ऐसे हैं जिनका गांव में कोई अता-पता ही नहीं है अगर है भी तो वे बच्चे या तो प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकृत हो चुके हैं या फिर कहीं और से लाभ ले रहे हैं। ऐसे में इनकी सूची तैयार करके जिला कार्यक्रम अधिकारी के स्तर से शासन को भेज दी गई है। साथ ही इनका नाम भी लाभ लेने वालों की सूची से हटा दिया गया।
ं
कितने मिले फर्जी
जिले के सभी नौ परियोजनाओं के 1825 आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 11 से 14 साल के मध्य की स्कूल न जाने वाली किशोरियों का सर्वे कराया गया। इसमें छह माह से तीन साल तक के 10866 बच्चे फर्जी मिले। इसी तरह तीन साल से छह वर्ष तक के 20411 बच्चे, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली 7999 माताएं, 11 साल से 14 साल के मध्य स्कूल न जाने वाली 446 किशोरियां के नाम फर्जी मिले हैं। इस समय कितने हैं लाभार्थी
112140 बच्चे हैं छह माह से तीन वर्ष के बीच।
51562 बच्चे हैं तीन साल से छह साल के बीच।
47215 गर्भवती व शिशु स्तनपान कराने वाली माताओं की संख्या।
6564 किशोरियां 11-14 वर्ष के बीच की स्कूल नहीं जातीं।