बच्चों को बांटने के लिए आया 35 क्विटल खाद्यान्न विद्यालय में मिला
अनियमितता सबहेड- कोविड काल में सस्ते गल्ले की दुकान से बचों को बांटा जाना था राशन - तहसीलदार दुद्धी ने विद्यालय पर पहुंचकर की जांच दर्ज किया बयान - बीएसए बोले दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, बीजपुर (सोनभद्र): रविवार की सुबह कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में करीब 35 क्विटल खाद्यान्न मिलने से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। रविवार की सुबह अभिभावकों को भनक लगी कि कोरोना काल में आए बच्चों को बांटने वाला खाद्यान्न विद्यालय प्रांगण के एक कमरे में रखा हुआ है। ग्रामीण प्रधान को साथ लेकर विद्यालय पहुंचकर कमरे को खोलने को कहने लगे, लेकिन कमरे का ताला नही खोला गया। प्रधान ने मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापिका को बुला लिया। प्रभारी के आने के बाद कमरे को खोला गया तो उसमें करीब 70 बोरा खाद्यान्न देख अभिभावक भौचक रह गए। पूछने पर विद्यालय प्रभारी ने बताया कि उक्त खाद्यान्न फरवरी माह में बच्चों को बांटने के लिए लाया गया था, लेकिन तब से आज तक बच्चे विद्यालय नही आए और खाद्यान्न बंट नही पाया। इसीलिए बचा हुआ है। उधर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में रखा खाद्यान्न बच्चों को नही दिया गया बल्कि उसका घोटाला किया जाना था। जबकि बच्चों को खाद्यान्न सस्ते गल्ले की दुकान से मिलना था तो विद्यालय प्रभारी उसको स्कूल में क्यों उठा कर लायी। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से खाद्यान्न के बंटवारे को लेकर विद्यालय के अध्यापक आपस में उलझे हुए थे। अभिभावकों ने मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो उच्चाधिकारियों के आदेश पर तहसीलदार दुद्धी ज्ञानेंद्र यादव भी जांच के लिए विद्यालय पहुंच गए। तहसीलदार ने मामले की गहराई से जांच कर दो कोटेदारों सहित प्रभारी प्रधानाध्यापिका का लिखित बयान दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रेषित कर दी। उधर इस मामले में बीएसए हरिवंश कुमार ने बताया कि विद्यालय प्रांगण में खाद्यान्न रखने का मामला संगीन है, जिसकी जांच चल रही है। जो दोषी पाए जाएंगे उनको कतई बख्शा नही जाएगा। तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव ने बताया कि मामले की जांच की गई है, इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।