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10 दिन में 3300 बकाएदारों के काटे गए कनेक्शन

जागरण संवाददाता सोनभद्र पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर कर्मियों में लगी अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:40 PM (IST)
10 दिन में 3300 बकाएदारों के काटे गए कनेक्शन
10 दिन में 3300 बकाएदारों के काटे गए कनेक्शन

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर कर्मियों में लगी आग को ठंडा करने के लिए शासन ने तीन माह में बकाया वसूली का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सक्रिय हैं। 10 दिनों में राब‌र्ट्सगंज व पिपरी विद्युत वितरण खंड में 3300 कनेक्शनों पर कैंची चली है। इससे तमाम उपभोक्ता परेशान व हलकान हैं। उपभोक्ताओं ने सरकार से कोरोना काल में ब्याज माफी यानी एक मुश्त समाधान योजना के संचालन की मांग करने लगे हैं।

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विद्युत वितरण खंड राब‌र्ट्सगंज व पिपरी में क्रमश: 1800 व 1500 बकायेदारों के कनेक्शन काटे गए हैं। राब‌र्ट्सगंज विद्युत वितरण खंड में 10 दिनों में दो करोड़ रुपये बकाये की वसूली भी हुई है। हालांकि अभी भी इस डिविजन पर भारी भरकम पौने दो सौ करोड़ का बकाया है। जबकि इस डिविजन में उपभोक्ताओं की संख्या एक लाख 39 हजार है। पिपरी विद्युत वितरण खंड की बात करें तो यहां उपभोक्ताओं की संख्या एक लाख 13 हजार है। इस डिविजन में 10 दिनों में 1500 बकायेदारों के कनेक्शन काटे गए हैं। बकाया की वसूली करने के लिए राब‌र्ट्सगंज डिविजन में प्रतिदिन औसत दो सौ व पिपरी में डेढ़ सौ कनेक्शन काटे जा रहे हैं। जिससे बकायेदारों में हड़कंप की स्थिति है और कनेक्शन कटने से तमाम व्यवसायियों का व्यवसाय ठप हो गया है। हालांकि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारी प्रतिदिन कहीं न कहीं शिविर लगाकर लोगों के विद्युत बिल को दुरुस्त कराने के साथ ही बकाया जमा भी करा रहे हैं लेकिन इन सब के बीत प्रदेश सरकार से एक बार फिर एक मुश्त समाधान योजना का संचालन शुरू कराने की मांग की जा रही है। उपभोक्ता राजकिशोर सिंह, रामानंद सिंह, हरिहर राम, जुगल किशोर, प्रशांत गुप्ता आदि का कहना है कि तमाम ऐसे व्यवसायी व घरेलू उपभोक्ता है जिनका कारोबार कोरोना की वजह से अभी भी उबर नहीं सका है। वह बकाये बिल पर सरचार्ज देने के काबिल नहीं है। ऐसे में सरकार को ब्याज माफी यानी एक मुश्त समानाध योजना को पुन: लाना चाहिए। इससे अधिक से अधिक बकाया भी जमा हो सकेगा।

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एक मुश्त समाधान या कोई भी योजना लागने का दायित्व प्रदेश सरकार है। यह सच है कि इन योजनाओं के चलने से बकाये की अधिक धनराशि की वसूली हो जाती थी। इससे उपभोक्ताओं को ब्याज में राहत मिलती थी।

- इं. एसके सिंह, विद्युत वितरण खंड राब‌र्ट्सगंज।


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