2038 किसानों का 47 करोड़ रुपये धान खरीद का बाकी
जुलाई महीने में मौसम की बेरूखी को लेकर किसान चितित थे कि धान की खेती कैसे करेंगे। हालांकि समय के साथ जब बारिश हुई तो धान की रोपाई हुई और फसल भी अच्छी ही रही।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जुलाई महीने में मौसम की बेरूखी को लेकर किसान चितित थे कि धान की खेती कैसे करेंगे। हालांकि समय के साथ जब बारिश हुई तो धान की रोपाई हुई और फसल भी अच्छी ही रही। अच्छी फसल कटने के बाद उसे बेचकर बहुत कुछ करने का अरमान पालने वाले अन्नदाताओं की हालत इन दिनों इसलिए पतली है क्योंकि उनका सरकारी क्रय केंद्रों से भुगतान नहीं हो रहा है। कहीं क्रय केंद्र के बाहर कुछ किसान धान लेकर खड़े हैं तो कहीं भुगतान के इंतजार में अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। किसी के घर शादी पड़ी है तो किसी के घर जरूरी काम लटका पड़ा है। इंतजार है कि धान के बकाए का भुगतान हो।
धान खरीद को लेकर चिता में पड़ने वाले एक-दो नहीं बल्कि कई किसान हैं। जिले में एक नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई। इसके लिए 76 क्रय केंद्र बनाए गए। जनवरी माह की शुरूआत में ही कई केंद्रों पर अधिकारियों ने यह कहते हुए खरीद बंद कर दिया कि लक्ष्य पूरा हो गया है। एक लाख 12 हजार 200 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष डेढ़ लाख एमटी से अधिक की खरीद कर ली गई। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 18 हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया। उसमें से कुल 17000 से कुछ अधिक किसानों ने एक लाख 68 हजार एमटी धान बेचा। यानी कुल 308 करोड़ रुपये का धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा गया। उसमें से अब 2038 किसानों का करीब 47 करोड़ रुपये बकाया है। सबसे खराब स्थिति तो पीसीएफ के केंद्रों पर धान बेचने वालों की है। यहां दिसंबर, जनवरी माह के भी भुगतान नहीं हुए हैं। पीसीएफ ने कुल 61 करोड़ का धान खरीदा, जिसमें से 44 करोड़ रुपये का बकाया है। 296 किसानों की इंट्री नहीं
गयारतवल, कोरियांव, रामपुर साधन, ओबराडीह, पांपी, केकराही संघ, मारकुंडी, बकौली, बिसरेखी, तिलौली, दुरावल खुर्द, सलैयाडीह में कई किसान धान खरीद के लिए इंतजार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा चिता उन किसानों को है जिन्होंने धान तो बेच दिया लेकिन आनलाइन इंट्री नहीं हुई। पोर्टल नहीं खुला तो इनके सामने बड़ी समस्या हो जाएगी। उन्हें क्रय केंद्रों से वापस भी लेना पड़ सकता है। इस चिता में एक दो नहीं बल्कि बल्कि 24 हजार क्विंटल धान बेचने वाले 296 किसान हैं। बढ़ी चिता, कब होगी खरीद
रामगढ़ : धान की उपज बेचने के लिए किसान कभी समितियों तो कभी हॉट शाखा के क्रय केंद्र ट्रैक्टर ट्राली पर लदा धान लेकर मारे मारे फिर रहे हैं। बावजूद उनके धान की खरीद नहीं की जा रही है। किसान राजू निवासी सहनपुर, लालव्रत यादव निवासी खटखरी, राजेश ओझा निवासी बिशुनपुरवा समेत अन्य ने बताया कि साधन सहकारी समितियों पर धान खरीद बंद है। लगभग एक माह से खड़े ट्रालियों पर लदे धान को लेकर कभी यहां कभी वहां किसान चक्कर लगा रहे हैं। राजू ने बताया कि साधन सहकारी समिति कोरियांव गुरौटी पर धान न बिकने की दशा में संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात करने के बाद हॉट शाखा बेलौड़ी तियरां पर धान बेचने के लिए लगभग 17 फरवरी को ले गए। लेकिन ट्रैक्टर ट्राली पर लदा धान अभी तक वैसे ही खड़ा है। इधर बीते लगभग तीन-चार दिनों से हुए बारिश से धान का भी काफी नुकसान हुआ है। इनका नहीं हुआ है भुगतान
शिवपुर गांव निवासी ओम प्रकाश पांडेय ने बताया कि 18 दिसंबर 2019 को साधन सहकारी समिति शिवपुर पर 209 क्विंटल धान बेचा था। इसी तरह राजकुमार पांडेय ने 400 क्विटल , रमेश देव पांडेय 300 क्विटल, लाल बहादुर पांडेय लगभग 230 क्विटल जनवरी माह में साधन सहकारी समिति शिवपुर पर, गुरौटी कला गांव निवासी किसान आनंद प्रकाश सिंह, सरिता सिंह, आनंद प्रकाश सिंह, भवानी गांव निवासी काशीनाथ, बनौली गांव निवासी किसान पन्नालाल चौहान (पूर्व प्रधान) जिनके घर लड़के की शादी आगामी माह में पड़ी है। साधन सहकारी समिति कोरियांव गुरौटी पर अपनी धान की फसल बेचे हैं लेकिन भुगतान नहीं हुआ। पीसीएफ के क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान का भुगतान ज्यादा बकाया है। वहां करीब 44 करोड़ रुपये बकाया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही भुगतान होगा। बताया जा रहा है कि धन की कमी है इस वजह से समस्या आ रही है। हॉट शाखा के क्रय केंद्रों पर अभी भी खरीद चल रही है।
- देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला विपणन अधिकारी-सोनभद्र।