बिजली की मांग में 200 मेगावाट बढ़ी
प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की मांग बढ़ गई है। एक सप्ताह के अंतराल में सूबे में बिजली की मांग में दो हजार मेगावाट से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की मांग बढ़ गई है। एक सप्ताह के अंतराल में सूबे में बिजली की मांग में दो हजार मेगावाट से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
सोनभद्र का तापमान तो प्रदेश में न्यूनतम तीन डिग्री के करीब पहुंच गया है। तापमान में गिरावट के साथ ही गलन में वृद्धि का प्रभाव बिजली की मांग पर भी पड़ रहा है। गत सप्ताह के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 15 हजार मेगावाट के स्तर पर रही। सूबे में बिजली की अधिकतम मांग भी बढ़कर 17 हजार मेगावाट पार कर गई है। सोमवार को अधिकतम मांग 17499 मेगावाट दर्ज की गई। रविवार को बिजली की अधिकतम मांग 17304 मेगावाट थी। एक दिन में ही बिजली की मांग में 200 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई है। बिजली की बढ़ी मांग को देखते हुए अमूमन थर्मल बैकिग का सामना करने वाली अनपरा स्थित बिजली इकाइयों को जहां निर्धारित शेड्यूल से अधिक लोड पर चलाया गया वहीं रिहंद जल विद्युत संयंत्र के भी दो टरबाइनों से 100 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया गया।
ब्रेकडाउन से उपभोक्ता त्रस्त, कर्मी पस्त
जासं, बीजपुर (सोनभद्र) : पिपरी से आने वाली 33 हजार लाइन लगातार ब्रेकडाउन में है। विद्युत आपूर्ति ठप होने से परेशान उपभोक्ता उसके मरम्मत की मांग कर रहे लेकिन विद्युत विभाग के कर्मचारी हीलाहवाली कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली चार-छह घंटे ही रहती है। अत्यधिक ठंड और कोहरे से आए दिन 33 हजार की लाइन का जर्जर उपकरण बंद हो जा रहा हैं। मेन लाइन में फाल्ट आने से यूपीपीसीएल के अधिकारी जहां मस्त हैं वहीं कर्मचारी फाल्ट ढूंढते-ढूंढते अब पस्त हो गए हैं। भीषण ठंड में बिजली आपूर्ति बेपटरी होने से उपभोक्ता त्रस्त हो गए हैं। लगभग 20 दिनों से बिजली आपूर्ति बेपटरी होने से नधिरा, बभनी, म्योरपुर, बीजपुर सहित सैकड़ो गांवों में लोगों को अंधेरे में रात गुजरना पड़ रहा है। पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। रविवार की रात से 33 हजार की मेन लाइन में फिर से फाल्ट आ गया। बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। स्थानीय जेई महेश कुमार ने फोन नहीं उठाया।