नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को 20 वर्ष कैद
विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को पाक्सो एक्ट में दोषी मनीष कुमार को दोषसिद्ध पाकर 20 साल की कैद व 21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
जागरण संवादताता, सोनभद्र : विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को पाक्सो एक्ट में दोषी मनीष कुमार को दोषसिद्ध पाकर 20 साल की कैद व 21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के चुर्क चौकी में दी तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि वह अपने बेटे के आंख का आपरेशन कराने के लिए अपनी पत्नी को साथ लेकर दिल्ली एम्स अस्पताल गया था। घर पर उसकी दो नाबालिग बेटियां अकेले रहकर पढ़ने जाती थी। घटना 20 दिसंबर 2017 को दोपहर 12 बजे की है। एक महिला ने मेरी नौ वर्षीय नाबालिग बेटी जो कक्षा पांच की छात्रा थी से कहा कि उसका बेटा मनीष घर में सो रहा है, जाकर जगा दो। जब बेटी उसे घर में जगाने गई तो मनीष उसे पकड़ लिया और मुंह बंद करके उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। धमकी दिया कि अगर किसी से बताओगी तो दोनों बहनों को जान से मार देंगे। डर की वजह से वह किसी से नहीं बताई, लेकिन ब्लड जाने की वजह से वह कराहते हुए गांव के एक परिचित व्यक्ति के घर गई तो गंभीर हालत को देखकर अस्पताल ले जाकर बेटी का दवा-इलाज कराया। जब महिला डाक्टर ने पूछताछ किया तो बेटी ने सारी सच्चाई बता दी। राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मुसही गांव निवासी मनीष कुमार के विरूद्ध दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट में एफआइआर दर्ज की गई। विवेचना के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने मनीष के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर मनीष कुमार को 20 साल की कैद की सजा सुनाई।