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यूपी की 17 बिजली इकाइयों को मिला जीवनदान

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कोयला बिजली घरों के लिए पर्यावरण मानकों को लागू करने की समय अवधि बढ़ाने के निर्देश से ओबरा और अनपरा परियोजना सहित प्रदेश की 17 पुरानी इकाइयों को कुछ वर्षों का जीवनदान मिल गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 10:14 PM (IST)
यूपी की 17 बिजली इकाइयों को मिला जीवनदान
यूपी की 17 बिजली इकाइयों को मिला जीवनदान

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कोयला बिजली घरों के लिए पर्यावरण मानकों को लागू करने की समय अवधि बढ़ाने के निर्देश से ओबरा और अनपरा परियोजना सहित प्रदेश की 17 पुरानी इकाइयों को कुछ वर्षों का जीवनदान मिल गया है। मंत्रालय द्वारा जारी पूर्व आदेश के तहत 25 वर्ष से ज्यादा पुरानी इकाइयों को 31 दिसंबर 2022 तक बंद करना था। नए आदेश में यह सीमा 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी गयी है। इस आदेश का सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा। 25 वर्ष से पुरानी इकाइयों को बंद करने की अवधि तीन वर्ष बढ़ाने से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 17 इकाइयों को राहत मिली है। इनमे अनपरा की 210 मेगावाट की तीन, 500 मेगावाट की दो, ओबरा की 200 मेगावाट वाली पांच, पारीछा की 110 मेगावाट की दो, 210 मेगावाट की दो, 250 मेगावाट की दो तथा हरदुआगंज की 110 मेगावाट की एक इकाई शामिल है। पर्यावरण सहित कुछ अन्य कारणों से ही पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश की सबसे पुरानी 21 इकाइयों को बंद किया जा चुका है। जिसमे ओबरा की 50 मेगावाट की पांच,100 मेगावाट की तीन, पनकी की 32 मेगावाट की दो, 110 मेगावाट की दो, हरदुआगंज की 30 मेगावाट की तीन, 50 मेगावाट की दो, 55 मेगावाट की दो तथा 60 मेगावाट वाली दो इकाइयां शामिल है। इन इकाइयों के ब्वायलर का प्रदूषणरहित होने का मानक पूरा न होना इनके बंद होने का प्रमुख कारण साबित हुआ। इन इकाइयों में कोयले की खपत ज्यादा होती है, जिससे प्रदूषण ज्यादा होने के साथ ऊर्जा की खपत भी ज्यादा होती है। पुरानी इकाइयों को बचाने के चल रहे प्रयास

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केंद्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2015 में सभी बिजली संयंत्रों को वर्ष 2017 तक फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम (एफजीडीएस) लगाने के लिए कहा था। बाद में इसे वर्ष 2022 तक बढ़ा दिया गया था, लेकिन जनपद की कई परियोजनाओं में इसकी स्थापना में शिथिलता दिखती रही है। योजना के तहत ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों, अनपरा की 210 मेगावाट की तीन एवं 500 मेगावाट की दो इकाइयों सहित हरदुआगंज की इकाइयों में एफजीडीएस प्रणाली स्थापित की जानी है। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने अनपरा अ तापघर की 210 मेगावाट वाली तीन इकाइयों और ब तापघर की 500 मेगावाट वाली दो इकाइयों में एफजीडी की स्थापना एवं परामर्शी सेवा पर 873.38 करोड़ रुपये की कार्य योजना का अनुमोदन प्रदान किया था। इसी के तहत प्रदेश सरकार ने इन्हीं इकाइयों में एफजीडी की स्थापना एवं परामर्शी सेवा के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 6201.69 लाख की अंशपूजी की व्यवस्था की है। इसके अलावा अनपरा की इन्हीं इकाइयों में ईएसपी रेट्रोफिटिग के लिए 237 करोड़ की कार्य योजना को स्वीकृति दी गई थी। इस योजना के लिए भी योगी सरकार ने बजट में अंश पूजी के तौर पर 101.34 लाख की व्यवस्था की है।


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