Move to Jagran APP

तीन वर्ष बाद 13 अप्रैल को 13वीं इकाई होगी क्रियाशील

ओबरा तापीय परियोजना में अधिष्ठापित प्रदेश की सबसे पुरानी 200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों में एक 13वीं इकाई 13 अप्रैल से क्रियाशील होगी। इससे लगभग एक दशक बाद ओबरा परियोजना का उत्पादन 1000 मेगावाट के करीब होने की उम्मीद बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 10:21 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 10:21 PM (IST)
तीन वर्ष बाद 13 अप्रैल को 13वीं इकाई होगी क्रियाशील
तीन वर्ष बाद 13 अप्रैल को 13वीं इकाई होगी क्रियाशील

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना में अधिष्ठापित प्रदेश की सबसे पुरानी 200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों में एक 13वीं इकाई 13 अप्रैल से क्रियाशील होगी। इससे लगभग एक दशक बाद ओबरा परियोजना का उत्पादन 1000 मेगावाट के करीब होने की उम्मीद बढ़ गई है। बिजली उत्पादन शुरू करने से पहले बायलर, टरबाइन सहित ईएसपी के सभी हिस्सों की गहनता से जांच चल रही है। क्रियाशील होने के 45 दिनों बाद इकाई को कामर्शियल लोड पर ले लिया जाएगा।

loksabha election banner

उक्त इकाई को मार्च 2018 में अनुरक्षण व मरम्मत के लिए बीएचईएल (भेल) को सौंपा गया था। इसके पूरा होने की तिथि जून 2019 थी, लेकिन 14 अक्टूबर 2018 को हुए अग्निकांड में 13वीं इकाई को भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद अनुरक्षण व मरम्मत की तिथि मई 2020 तक बढ़ा दी गई। इसमें 510 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। बाद में इसे एक माह पहले 15 अप्रैल 2020 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन लाकडाउन के चलते देरी हुई। उक्त इकाई के चालू होने से प्रदेश को सस्ते दरों पर प्रतिवर्ष 1480 मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली मिल सकेगी। हमेशा के लिए बंद होने की थी संभावना

उत्पादन निगम द्वारा बीते 12 अप्रैल 2018 को 13वीं इकाई के आरएंडएम को बंद करने का आदेश दिया था। इससे इकाई के सदैव के लिए बंद होने की संभावना पैदा हो गई थी। इस इकाई के अनुरक्षण व मरम्मत पर 510 करोड़ का खर्च निर्धारित था। इसका 90 प्रतिशत भाग स्पेयर्स के मद में बीएचईएल को भुगतान किया जा चुका था तथा मात्र 10 प्रतिशत भाग का भुगतान इरेक्शन एवं कमिशनिग कार्य में किया जाना था। इसको देखते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अनुरक्षण व मरम्मत बंद करने का भारी विरोध किया था। इसके बाद 17 मई 2018 को इस पर लगी रोक को हटा लिया गया था। वर्जन--

200 मेगावाट वाली 13वीं इकाई को क्रियाशील करने के लिए 13 अप्रैल का लक्ष्य तय किया गया है। सभी परीक्षण किए जा रहे हैं। पूरा प्रयास है कि यह तय समय पर हो और इससे बिजली उत्पादन शुरू हो जाए।

-इ. आरपी सक्सेना, सीजीएम ओबरा तापीय परियोजना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.