12 माह भी नहीं चली 12.35 करोड़ की सड़क
जागरण संवाददाता सोनभद्र विकास की मुख्य डगर सड़कों की दशा जिले में काफी खराब है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद गांव को शहरों से जोड़ने वाली सड़कों की दशा ठीक नहीं है। कहीं गड्ढे तो कहीं फैली सोलिग लोगों को दर्द दे रही है। ऐसे ही सड़क में एक घोरावल-वर्दिया
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सड़क निर्माण में किस प्रकार की अनियमितता की जा रही है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है घोरावल-वर्दिया मार्ग। इसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ और ये सड़क इसी साल या यूं कहें साल बीतने से चार माह पहले ही ध्वस्त हो गई। इसमें लगे 12.35 करोड़ रुपये कैसे खर्च हुआ यह तो जांच के बाद पता चलेगा लेकिन, सबके सामने है वह है खर्च का ब्योरा और 14 किमी लंबी सड़क। हालांकि ऐसा नहीं कि इन कारगुजारियों से अधिकारी अंजान थे क्योंकि निर्माण के समय ही स्थानीय नागरिकों ने सामग्री को लेकर आवाज बुलंद की थी।
बहरहाल, वर्तमान समय में करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद गांव को शहरों से जोड़ने वाली इस सड़क की दशा ठीक नहीं है। कहीं गड्ढे तो कहीं फैली सोलिग लोगों को दर्द दे रही है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत फरवरी, 2019 में इस मार्ग का निर्माण ठेकेदार से कराया गया। जिस वक्त निर्माण चल रहा था, तब ग्रामीणों ने मानक के विपरित सड़क के निर्माण की आवाज बुलंद की थी लेकिन, संबंधित अफसर कान में तेज डाले बैठे रहे। अभी आठ माह ही बीते है कि बेलन नदी पुल के नजदीक कई स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़क पर झांक रहे गड्ढों से भी जिला प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन, किसी ने ध्यान नहीं दिया। इन गांवों को जोड़ती है ये सड़क
घोरावल ब्लाक के घोरावल, बिसरेखी, मरसड़ा, भरसड़ा, खंदेउर, शिवद्वार, सतद्वारी, हिरनखुरी व वर्दिया। - घोरावल-वर्दिया मार्ग के निर्माण में जमकर अनियमितता बरती गई है। जब सड़क बन रही थी, विभागीय बड़े अधिकारी उसका स्थलीय निरीक्षण किए ही नहीं। शिकायत करने पर अवर अभियंता को भेजकर जिम्मेदारी का निर्वहन कर लिया गया।
- शिवराज गिरी, सतद्वारी।
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-सड़क निर्माण में लापरवाही से पहले ही पता चल गया था कि यह ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। अफसोस की बात यह है कि 12.35 करोड़ की सड़क 12 माह भी नहीं चली। इससे हम सभी में आक्रोश है। मुख्य विकास अधिकारी से सड़क की जांच कराए जाने की मांग की गई है।
- सूरज, वर्दिया।
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-घोरावल-वर्दिया मार्ग लूट-खसोट की भेंट चढ़ गई। कार्यदायी संस्था व ठेकेदार की मिलीभगत से मानक के विपरीत कार्य कराया गया। जिसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों से भी की गई लेकिन किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा अब राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है।
- अमित मिश्रा, सतद्वारी।
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-सड़क पर गड्ढे की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है। जांच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने व ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की प्रमुखता से मांग उठाई गई है।
- हरिओम विश्वकर्मा, घोरावल।