मनरेगा में एक बार फिर 12 लाख का घोटाला
जनपद में पूर्व में हुए करीब 300 करोड़ के मनरेगा घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है। उसमें पता चला था कि बिना काम कराये ही कई जगहों पर भुगतान करा लिया गया था। ऐसा ही मामला एक बार फिर से जिले में मनरेगा योजना में होने वाले कार्यों को लेकर आने लगा है। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कराये गये करोड़ों के काम में 12 लाख रुपये का घोटाला किया गया है। विभाग ने जांच की तो पता चला कि काम से अधिक का भुगतान करा दिया गया है। ऐसे में चिन्हित कर ठोस कार्रवाई व वसूली की संस्तुति कर दी गई है। जिले में वर्ष 2017-1
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जनपद में पूर्व में हुए करीब 300 करोड़ के मनरेगा घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है। उसमें पता चला था कि बिना काम कराये ही कई जगहों पर भुगतान करा लिया गया था। ऐसा ही मामला एक बार फिर से जिले में मनरेगा योजना में होने वाले कार्यों को लेकर आने लगा है।
जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कराये गये करोड़ों रुपये के काम में 12 लाख रुपये का घोटाला प्रकाश में आया है। विभाग ने जांच की तो पता चला कि काम से अधिक का भुगतान करा दिया गया है। ऐसे में चिह्नित कर ठोस कार्रवाई व वसूली की संस्तुति कर दी गई है।
जिले में वर्ष 2017-18 व 2018-19 में 18 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से पुलिया निर्माण, संपर्क मार्ग, इंटर लॉकिग, पक्की रोड, बंधी निर्माण, मोरम सड़क निर्माण कार्य, संपर्क मार्ग, रपटा निर्माण, तालाब गहरीकरण, टूटी बंधी आदि के कामों में ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व रोजगार सेवकों ने काम कराने में जमकर अनियमितता बरती। जब इसकी शिकायत की गई तो विभागीय जांच में घोटाले का खुलासा सामने आने लगा। इन ग्राम पंचायतों में काम कराने से 12 लाख रुपये का अधिक भुगतान करा दिया गया। इसमें से विभाग की तरफ से ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी से 6.50 लाख रुपये की वसूली करा ली गई है। वहीं 5.50 लाख रुपये की वसूली के लिए नोटिस भेजी गई है। इसके अलावा नगवां ब्लाक के आमडीह के रोजगार सेवक की सेवा समाप्त कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो अभी भी कई ग्राम पंचायतों में इसी तरह का काम किया गया है। इसकी भी जांच डीसी मनरेगा की तरफ से कराई जा रही है। दो नाबालिग बच्चों के नाम से
भी कराया भुगतान
नगवां ब्लाक के ग्राम पंचायत आमडीह में रोजगार सेवक ने फर्जी मस्टरोल बनाकर अपने पत्नी, मां व दो नाबालिगों व अन्य श्रमिकों के नाम से फर्जी भुगतान करा दिया गया। इसकी जांच जब विकास खंड के त्रि-सदस्यीय समिति द्वारा करायी गई तो पता चला कि रोजगार सेवक मनोज कुमार, ग्राम पंचायत अधिकारी रामवृक्ष, तकनीकी सहायक कुलदीप त्रिपाठी एवं ग्राम प्रधान ईश्वर शरण सिंह ने मिलीभगत कर कुल 1,19,263 रुपये का फर्जी भुगतान करा दिया गया है। इस ग्राम पंचायतों का खाता बंद करते हुए त्रिस्तरीय जांच टीम गठित कर दी गई है। काम में कैसे-कैसे किया गया खेल
जानकारी के मुताबिक मनरेगा में राबर्ट्सगंज ब्लाक के महुआंव ग्राम पंचायत में 5804, भभाईच में 57076, महुआंव में 32861, भभाइच में 24837, अरौली में 132638, निपराज में 104179 रुपये का फर्जी तरीके से भुगतान कराया गया है। इसी तरह से चोपन ब्लाक के देवाटन ग्राम पंचायत में 4121, बभनी ब्लाक के पोखरा ग्राम पंचायत में 11356, म्योरपुर ब्लाक के नौडिहा ग्राम पंचायत में 5804, चतरा ब्लाक के अईलकर ग्राम पंचायत में 39851, नगवां ब्लाक के पनिकप खुर्द ग्राम पंचायत में 28168, चरगड़ा ग्राम पंचायत में 22034 समेत कुल 18 ग्राम पंचायतों में 12 लाख रुपये का घोटाला किया गया है। बोले अधिकारी ..
कुछ लोगों की शिकायत पर 18 ग्राम पंचायतों की जांच की गई तो पता चला कि काम से अधिक 12 लाख रुपये का भुगतान फर्जी तरीके से ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व रोजगार सेवकों की मिलीभगत से करा लिया गया है। इसमें आमडीह के रोजगार सेवक की सेवा समाप्त कर दी गई है। ग्राम प्रधानों की जांच के लिए त्रिस्तरीय कमेटी गठित की गई है।
-तेजभान सिंह, डीसी-मनरेगा।