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कोयला खनन का लक्ष्य इस साल होगा 120 मिलियन टन

एनसीएल ने 1985 में 11.62 मिलियन टन क्षमता के साथ कोयला खनन का काम शुरू किया था। अब 113 मिलियन टन कोयला खनन के साथ देश के कोल उत्पादन में एनसीएल का 16 फीसद का योगदान है। इस साल से यह लक्ष्य 120 मिलियन टन कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 06:21 PM (IST)
कोयला खनन का लक्ष्य इस साल होगा 120 मिलियन टन
कोयला खनन का लक्ष्य इस साल होगा 120 मिलियन टन

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनसीएल ने 1985 में 11.62 मिलियन टन क्षमता के साथ कोयला खनन का काम शुरू किया था। अब 113 मिलियन टन कोयला खनन के साथ देश के कोल उत्पादन में एनसीएल का 16 फीसद का योगदान है। इस साल से यह लक्ष्य 120 मिलियन टन कर दिया गया है। वर्ष 2023-24 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उप्र के साथ सीमावर्ती मप्र के 2202 वर्ग किमी के दायरे में फैले एनसीएल के क्षेत्र में कंपनी की 10 परियोजनाओं द्वारा कोयले का उत्पादन किया जा रहा है। कंपनी द्वारा उत्खनित कोयले से देश की 10 फीसद बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। भारत की प्रमुख कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की 8 आनुषांगिक कंपनियों में एक एनसीएल की स्थापना 28 नवंबर 1985 में की गई थी। कंपनी की सभी दस परियोजनाएं ओपेन कास्ट हैं। इनमें से ककरी, बीना, कृष्णशिला व खडिया यूपी में तथा झिगुरदह, ब्लाक बी, जयंत, निगाही, अमलोरी व दुधीचुआ परियोजनाएं एमपी की सीमा में स्थित हैं। परियोजनाओं द्वारा अत्याधुनिक मशीनों से कोयला खनन का कार्य अंजाम दिया जा रहा है। दो सब बेसिन में विभक्त हैं परियोजनाएं

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एनसीएल की परियोजनाएं दो सब बेसिन में विभक्त हैं। इसमें से मोहर बस बेसिन का विस्तार 312 वर्ग किमी तथा सिगरौली मेन बेसिन का विस्तार 1890 वर्ग किमी में फैला है। कंपनी का कुल कोयले का भंडार 10 बिलियन टन है। हजारों मेगावाट विद्युत का होता है उत्पादन

एनसीएल द्वारा उत्खनित कोयले से हजारों मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। कंपनी द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम, एनटीपीसी, लैंको, अडाणी पावर सहित राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा बिजली बोर्ड की परियोजनाओं को भी कोयले की आपूर्ति की जाती है। इसके साथ ही अवशेष कोयले की आपूर्ति आवश्यकतानुसार अन्य उद्योगों को भी की जाती है। खनन में लगी हैं भारी मशीनों का बेडा

एनसीएल में 1200 से अधिक भारी मशीनों का बेड़ा है। वर्ष 2023-24 तक एनसीएल द्वारा नवीनीकरण व उन्नयन पर सात हजार करोड़ रुपये के निवेश के कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। इनमें से 3000 करोड़ रूपये मशीनों पर खर्च किया जाएगा। 50 हजार लोगों को रोजगार

कंपनी में स्थाई कर्मियों की संख्या लगभग 14 हजार है। इसके साथ ही विभिन्न ओवी कंपनियों सहित अन्य माध्यमों से 35 हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। 35 साल में बेहतर स्थिति: पीआरओ

एनसीएल के पीआरओ राम विजय सिंह ने बताया कि 31 मार्च तक एनसीएल ने 113 मिलियन टन के सापेक्ष 115.04 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया है। 1985 में स्थापना होने के साथ ही 35 वर्षों में यह सबसे बेहतर स्थिति है।


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