1.10 अरब में परिषदीय विद्यालयों का होगा कायाकल्प
जागरण संवाददाता सोनभद्र सोन स्कूल कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायत निधि में मौजूद 1.10 अरब से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। कलेक्ट्रेट सभागार में सोन स्कूल कायाकल्प की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी एस राजलिगम ने संबंधितों को जिम्मेदारी का बोध कराते हुए कार्य में तेजी लाए जाने का निर्देश दिया। जिले को अति पिछड़े की श्रेणी से बाहर लाने के लिए स्कूल कायाकल्प के कार्यों को बोझ न समझकर परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोन स्कूल कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायत निधि में मौजूद 1.10 अरब से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। कलेक्ट्रेट सभागार में सोन स्कूल कायाकल्प की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी एस राजलिगम ने संबंधितों को जिम्मेदारी का बोध कराते हुए कार्य में तेजी लाए जाने का निर्देश दिया।
जिले को अति पिछड़े की श्रेणी से बाहर लाने के लिए स्कूल कायाकल्प के कार्यों को बोझ न समझकर परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने की भावना से नोडल अधिकारी व स्कूलों से जुड़े तकनीकी अधिकारी कार्यों को निभाएं।
जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी अजय द्विवेदी ने शुक्रवार को स्कूल कायाकल्प की समीक्षा की। मनरेगा से भी कार्य कराए जाने का निर्देश दिया। स्कूलों के कायाकल्प का मूल दायित्व बेसिक शिक्षा विभाग का है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकरियों व स्कूलों के अध्यापकों के माध्यम से स्थानीय स्कूलों के अभिभावकों के सहयोग से 16 जनवरी से स्कूलों में कायाकल्प का कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया। स्कूल परिसर के अंदर सबमर्सिबल लगाकर रनिग वाटर, बाल्टी व मग, बालक व बालिका मूत्रालय, हैंडवासिग की व्यवस्था, खिड़की दरवाजे, रोशनदान, स्टोरेज, बाल चित्रकारी, रसोइयां घर, जल निकास, स्वच्छ शौचालय, स्कूल परिसर में स्थापित आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल का गेट व बाउंड्रीवाल, स्कूल परिसर के जीर्ण-शीर्ण दीवार की रंगाई-पोताई, टूटे-फूटे फर्श को भी ठीक किया जाए। ग्राम प्रबंध समिति को क्रियाशील कर गांव के लोग भी स्कूल कायाकल्प में आगे आकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने विकास खंडों में विकास खंड स्तरीय जन जागरूकता एवं दायित्वबोध प्रशिक्षण कराकर स्कूल कायाकल्प को जनांदोलन का रूप दिलाएं। कक्षा एक व दो के बच्चों के लिए कम ऊंचे के हैंडवास प्लटेफार्म, कक्षा तीन, चार व पांच के बच्चों के लिए कुछ ऊंचे प्लेटफार्म तथा कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए सबसे ऊंचे वेसिगयुक्त प्लेटफार्म बनाए जाएं। इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल, डीपीआरओ आरके भारती मौजूद रहे।