आप आवेदन करें, फंड देकर गांव की जरूरतों को पूरा करेंगे
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधान से जुड़े अपर मुख्य सचिव पंचायत ने की बात। लहरपुर के मकनपुर के प्रधान शुभम श्रीवास्तव से जाना गांव का विकास।
सीतापुर : हां, शुभम श्रीवास्तव जी बताएं आपके गांव में क्या समस्याएं हैं..सर, मेरे गांव में पंचायत भवन नहीं है। बैठक करने में दिक्कत होती है। पंचायत भवन की जरूरत है। बहुउद्देशीय भवन है, जिसमें दो कमरे हैं। एक कमरे को मिशन शक्ति के लिए दिया है, जबकि दूसरा कमरा पंचायत सहायक के लिए हो जाएगा। ठीक है..शुभम जी, आप आनलाइन आवेदन करें..हम तत्काल प्रक्रिया पूरी कराकर फंड जारी कर देंगे। ये बातें अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह व लहरपुर ब्लाक के मकनपुर प्रधान शुभम श्रीवास्तव के बीच हुई हैं। आंगनबाड़ी केंद्र के भवन की बात पर अपर मुख्य सचिव ने शुभम से कहा है कि उसे वह मनरेगा या राज्य वित्त योजना के माध्यम से बनवा सकते हैं।
दरअसल, गुरुवार को अपर मुख्य सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीधे प्रधानों से मुखातिब थे। इससे पहले अपर मुख्य सचिव कार्यालय से प्रधानों से गांव की समस्याओं के संबंध में ई-मेल जारी हुआ था। इसी क्रम में प्रधानों ने समस्याओं का आनलाइन जिक्र किया था। इन्हीं संबंधित प्रधानों में अपर मुख्य सचिव से बातचीत के लिए मकनपुर के प्रधान का चयन हुआ था। शुभम श्रीवास्तव ने बताया कि गांव में इंटरनेट की दिक्कत की वजह से वह वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अपर मुख्य सचिव से बातचीत करने डीपीआरओ कार्यालय आए थे। वार्ता के बाद शुभम ने बताया कि अपर मुख्य सचिव ने योजनाओं के बारे में बताया। यह भी कहा है कि वह प्रत्येक सप्ताह प्रधानों से जुड़ेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे।
बच्चों की शिक्षा पर विशेष जोर :
समाज शास्त्र से एमए शुभम श्रीवास्तव पहली बार प्रधान चुने गए हैं। ग्राम सभा में पांच मजरे हैं। इनमें मकनपुर, गदापुर, रघुनाथपुर, बाकरगंज व शहाबापुरवा हैं। गांव की आबादी करीब 3,200 है। जूनियर व प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय मकनपुर में है। रघुनाथपुर व बाकरगंज में भी एक-एक प्राथमिक विद्यालय है। शुभम ने बताया कि बुधवार से बच्चे स्कूल जाने लगे हैं और वह बच्चों की शिक्षा पर ध्यान भी दे रहे हैं।
शासन की अच्छी पहल..
डीपीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि योजनाएं गांवों में दिखें, इसके लिए जरूरतों को जानने के लिए उच्चाधिकारी सीधे प्रधानों से जुड़ रहे हैं। उनकी समस्याएं जानकर उनका निराकरण करा रहे हैं। शासन की अच्छी पहल है। इस व्यवस्था से प्रधानों में भी जागरूकता बढ़ेगी।