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..तो क्या बदलेगा अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का स्वरूप

केंद्र ने नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है। नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में दी जानी है शिक्षा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:54 PM (IST)
..तो क्या बदलेगा अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का स्वरूप
..तो क्या बदलेगा अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का स्वरूप

सीतापुर: केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है। शिक्षा नीति में कक्षा पांच तक की शिक्षा को मातृभाषा में कराए जाने का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत हर क्षेत्र में पहली से पांचवीं तक की शिक्षा का माध्यम प्रादेशिक भाषा रहेगी।

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उत्तर प्रदेश की मातृ भाषा हिदी है इसलिए यहां के विद्यालयों में हिदी भाषा में ही शिक्षा दी जाएगी। अब ऐसे में क्या उन विद्यालयों का स्वरूप भी बदलेगा जो अभी कुछ साल पहले ही अंग्रेजी माध्यम में संचालित किए गए हैं। इन विद्यालयों का क्या होगा इस बारे में अध्यापकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल योगी सरकार ने वर्ष 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों को निजी स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से चलाने की पहल की थी। इसके तहत हर जिले के विकासखंड व नगर क्षेत्र में पांच पांच विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम में किया गया था। अब नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद इन विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम क्या रहने वाला है इस बारे में अभी शिक्षक तो कुछ बता नहीं पा रहे हैं लेकिन इसको लेकर असमंजस में जरूर हैं।

इस तरह होती है पढ़ाई

इन स्कूलों में क्लास एक, दो व तीन में अंग्रेजी माध्यम, चार व पांच में अंग्रेजी और हिदी दोनों माध्यमों से पढ़ाई हो रही है। साथ ही बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की ही निश्शुल्क पुस्तकें भी वितरित की गई थी।

विशेष अध्यापकों को किया गया था तैनात

इन विद्यालयों में उन प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों की तैनाती की गई थी। जिन्होंने इंटरमीडिएट में अंग्रेजी विषय पढ़ाई कर रखी हो। इन शिक्षकों को मेरिट के आधार पर तैनाती मिली थी।

शासन के निर्देश का किया जाएगा पालन

'इन विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम क्या रहेगा। इसके लिए जैसा शासन व उच्च अधिकारियों का निर्देश रहेगा उस मुताबिक कार्य किया जाएगा।'

अजीत कुमार, बीएसए


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