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जलस्तर बढ़ा, 400 बीघा धान की फसल डूबी

गुरुवार रात से लगातार बढ़ रहा घाघरा व शारदा का पानी

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 06:11 AM (IST)
जलस्तर बढ़ा, 400 बीघा धान की फसल डूबी
जलस्तर बढ़ा, 400 बीघा धान की फसल डूबी

सीतापुर : क्षेत्र में घाघरा व शारदा नदी में गुरुवार से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे पानी गांवों की तरफ बढ़ रहा है। नदी के तटवर्ती एक दर्जन गांवों में पानी पहुंचने लगा है। पानी बढ़ने से लगभग 400 बीघा धान की फसल डूब गई है। इससे ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। लोग सुरक्षित स्थानों का रूख करने लगे हैं। लगातार बारिश व बनबसा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद से नदियां उफान पर हैं।

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क्षेत्र के म्योड़ी छोलहा, भदम्मर पुरवा, श्रीरामपुरवा, धूसपुरवा, पासिन पुरवा, दुर्गापुरवा, फौजदार पुरवा व कोनी गांवों में भी घाघरा नदी का पानी प्रवेश कर गया है। जैतिहा, मरेली, रामलालपुरवा, गोड़ियन पुरवा, मेड़ई पुरवा आदि गांव घाघरा नदी के पानी से घिर रहे हैं। रामलालपुरवा के रामभूखन, रामेंद्र, जय सिंह, दुलारे ने बताया कि फौजदार पुरवा व दुर्गापुरवा जाने वाले संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी चल रहा है। जिसके चलते आवागमन ठप हो गया है। घाघरा नदी के बढ़े जलस्तर से ताहपुर गांव के किसान कृपाशंकर अवस्थी, रामेंद्र मिश्रा, लवकुश तिवारी, सोबरन लाल, अमृतलाल, प्यारेलाल, अवधेश मिश्रा, उपेंद्र मिश्रा, अजय अवस्थी, प्रेम कुमार, लालाराम, भूषण, बदलू, चेतराम, राम विजय, दीपू आदि की धान फसल पानी में डूब गई। वहीं काशीपुर, मल्लापुर में बाढ़ परियोजना के तहत चल रहा स्टड निर्माण कार्य बाढ़ के कारण बंद हो गया है। एसडीएम सुरेश कुमार ने बताया कि नजर रखने के लिए राजस्व कर्मियों को लगाया गया है। प्रभावित लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। कटान के मुहाने पर अंगरौरा गांव

रामपुर मथुरा : घाघरा का जलस्तर अचानक बढ़ने पानी उफना कर अंगरौरा तक पहुंच गया है। अंगरौरा गांव पूरी तरह कटान के मुहाने पर है। ऐसे में ग्रामीण दहशत में हैं। गांव को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग भी पानी में डूब गया है। नदी का पानी गांव के चारों तरफ भर गया है। कई दिनों से लगातार बारिश के चलते नदी का जलस्तर उफान पर है। पानी बढ़ने से तटवर्ती गांवों के लोग दहशत में हैं। अंगरौरा के मंगल ने बताया कि गांव कटान के मुहाने पर है। एक बीघा जमीन थी वह पहले ही कट चुकी है। मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। आठ लोगों का परिवार है। इस समय मजदूरी के भी लाले हैं। मुन्नूलाल ने बताया कि दो बीघा मेंथा की फसल डूब गई है। गांव पर संकट बना हुआ है।


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