सफाई छोड़िए वार्ड में पीने लायक पानी भी नहीं
सीतापुर : शहरी निकाय के वार्ड कोट में अधिकांश मुस्लिम परिवार बसे हैं। यहां साफ-सफाई
सीतापुर : शहरी निकाय के वार्ड कोट में अधिकांश मुस्लिम परिवार बसे हैं। यहां साफ-सफाई की समस्या तो है ही, साथ घरों में पाइप से आने वाला पानी भी दूषित है। जगह-जगह कूड़ा-गंदगी से भरी नालियों के बीच से गुजरे पानी के पाइप लीक हैं। सप्लाई बंद होते ही खाली पाइप में नाली का गंदा पानी चला जाता है, जो शुद्ध पेयजल को अशुद्ध करता है। मुहल्लावासी इस समस्या से बेहद परेशान हैं। इंडियामार्का हैंडपंप पानी नहीं दे रहे हैं। वार्ड में सफाई का अभाव है, मुहल्लावासी अब सफाई के लिए कर्मचारियों के आने का इंतजार भी नहीं करते हैं। गली के साथ ही मुहल्ला वासी नालियां भी अपने घर के सामने साफ कर लेते हैं। कोट वार्ड में टूटी-फूटी सड़कें हैं। वार्ड में अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है। लोगों ने गलियों में या तो वाहन खड़े कर रखे हैं या अतिक्रमण कर रखा है। 34 प्रतिशत वोटरों ने चुना था सभासद
इसकोट वार्ड में कुल 3873 वोटर हैं। इनमें निकाय चुनाव के दौरान 1951 वोटरों ने अपने उम्मीदवारों को वोट किया था। ये वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है, यहां 34.06 प्रतिशत मत पाकर सपा उम्मीदवार अफसर जहां पत्नी इकबाल हुसैन सभासद चुनी गई थीं, जबकि रनर रहमान अंसारी की पत्नी फौजिया बेगम रही थीं। अभी कुछ दिन पहले ही बजट पास हुआ है। बजट के अभाव में कोट वार्ड में बिजली, टूट-फूट सड़कों आदि का निर्माण या मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहा था। न ही हैंडपंपों की मरम्मत हो रही है, सिर्फ झाड़ू लगवा रहे हैं, सफाई कर्मी कम हैं, कुछ रिटायर हो गए हैं। सफाई का कार्य कर्मी ही कर सकते हैं, सभासद नहीं कर सकता। गलियों में चूना हम अपने खर्च से डलवा रहे हैं। नालियां चोक हैं, मच्छरों की भरमार है, धनाभाव में ही मच्छर जनित दवाई नहीं पड़ पा रही है। सफाई कर्मी भी अपने काम का रूट बनाए हैं, एक आता है दूसरा नहीं आता है। प्रशासन ओडीएफ अभियान चला रहा है, जिला प्रशासन विपक्षी दल के सभासदों के वार्डों के साथ सौतेला व्यवहार न करे, कर्मचारी उपलब्ध कराए। रही बात पानी की समस्या की तो वार्ड में पानी भरपूर है, कुछ नई गलियां हैं उनमें पानी की समस्या जरूर है, वहां पाइप लाइन भी नहीं है।
- अफसर जहां, सभासद
गलियां टूटी-फूटी हैं, कभी कोई सफाई कर्मी यहां झाड़ू लगाने नहीं आता है, हम सभी खुद सुबह उठकर पहले झाड़ू लगाते हैं उसके बाद कोई दूसरा काम करते हैं।
- श्याम कुमार जायसवाल सफाई व्यवस्था के कोई इंतजाम नहीं है। सफाई कर्मी महीने में एक-आध बार बामुश्किल ही आते हैं। इसके चलते हर तरफ गंदगी का माहौल बना रहता है।
- इबने अब्बास मैं बीकॉम का छात्र हूं, मुझे गंदगी कतई बर्दाश्त नहीं है। इसलिए सुबह उठकर पालिका कर्मियों का इंतजार न करके अपने आप झाड़ू लगा लेता हूं। मुहल्ले की बड़ी समस्या ये भी कि जर्जर पाइप लाइन लीक हो गए हैं, नालियों का पानी इन पाइप में जाता है, जिससे पानी पीने योग्य नहीं है।
- सारिक हुसैन पानी मानव के लिए अत्यंत आवश्यक है वह भी शुद्ध हो, लेकिन इस मुहल्ले में पाइप लाइन जर्जर होने से सप्लाई का पानी दूषित है। नालियों में गुजरे पाइप से सप्लाई के वक्त फौव्वारा फूटता है। ये दूषित पानी मुहल्ला वासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल रहा है।
- मिर्जा फैसल चित्र 20 एसआइटी 14
पूरे मुहल्ले में कूड़ा कई-कई दिनों तक ढेर लगा रहता है। कई सप्ताह गुजर जाते हैं कोई कर्मी कूड़ा उठाने तक नहीं आता है और फिर नाली से निकाला गया कूड़ा नाली में ही चला जाता है। मुहल्ले में आवारा मवेशी भी कम समस्या नहीं हैं।
- मुन्ना
मुहल्ले में हर सप्ताह के सिर्फ मंगलवार के दिन सफाई कर्मी आकर सफाई करते हैं। यहां थोड़ी-बहुत समस्या जरूर हैं, लेकिन वह लोगों को प्रभावित नहीं करती हैं।
- राजकुमार गलियों की सफाई दो माह पहले पालिका के कर्मियों ने की थी, उसके बाद से आज तक कोई सफाई करने नहीं आया है। मैने खुद पहले गली में झाड़ू लगाई फिर नाली साफ की है।
- सीमा कई-कई दिन हो जाते हैं पाइप लाइन में पानी ही नहीं आता है। हैंडपंप खराब पड़े हैं। मुहल्ले में आबादी के हिसाब से नए हैंडपंपों की जरूरत है और पुराने हैंडपंपों की मरम्मत हो।
- सन्नो