वालंटियर संभालेंगे कमान, बताएंगे पराली जलाने का नुकसान
स्काउट-गाइड को भी दी जाएगी जिम्मेदारी महिलाएं भी करेंगी जागरूक।
सीतापुर : पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अब वालंटियर भी समझाएंगे। स्कूल-कॉलेजों के एनसीसी, एनएसएस छात्र व स्काउट-गाइड ग्रामीणों को जागरूक करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। डिग्री कॉलेजों के छात्रों को भी जागरूकता की इस मुहिम शामिल किया जाएगा। गांव स्तर पर जागरूकता शिविर लगाया जाएगा।
शिविर में फसल अवशेष न जलाने की सीख ग्रामीणों को दी जाएगी। फसल अवशेष का प्रबंधन कैसे करें, इसके बारे में बताया जाएगा। जागरूकता मुहिम में सभी विभागों के प्रचार वाहनों का उपयोग किया जाएगा। प्रचार वाहन, कस्बों व गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर पराली प्रबंधन के गुर सिखाएंगे। फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए सीडीओ संदीप कुमार ने उप निदेशक कृषि को पत्र भेजकर जागरूकता अभियान की कमान वालंटियर को सौंपने की बात कही है।
ऑनलाइन क्लास में भी पराली प्रबंधन का संदेश
फसल अवशेष न जलाने का संदेश अब ऑनलाइन क्लास में भी गूंजेगा। सीडीओ ने कहा, ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए छात्रों तक पराली प्रबंधन का संदेश पहुंचाया जाए। छात्र अपने इलाके के किसानों को जागरूक करेंगे। जागरूकता मुहिम में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। जागरूकता अभियान के दौरान कोरोना से बचाव के उपायों का ध्यान भी रखने को कहा गया है। वालंटियर के पास कंट्रोल रूम का नंबर रहेगा।
ये जिम्मेदारी संभालेंगे वालंटियर
- पराली जलाने से सेहत और जमीन को हो रहे नुकसान के बारे में बताएंगे।
- फसल अवशेष जलाने से कोरोना उपचार में आने वाली दिक्कतों की जानकारी दी जाएगी।
- समझाने के बाद भी पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई की जाएगी।
- गांव स्तर पर कैंप लगाया जाएगा। ग्रामीणों को पराली प्रबंधन की सीख दी जाएगी।