ग्रामीणों ने बेसहारा गोवंश पंचायत भवन में किए बंद
खुला घूम रहे बेसहारा मवेशियों को ग्रामीणों ने पकड़ा सूचना देने पर भी नहीं पहुंचे जिम्मेदार।
सीतापुर : डीएम के निर्देश के बाद भी बेसहारा गोवंश को गोशाला में संरक्षित नहीं किया जा रहा, जो कि फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लालपुर के ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास से करीब दो दर्जन बेसहारा गोवंश को पंचायत भवन में बंद कर दिया। राजस्व कर्मियों को सूचना भी दी गई। लेकिन, कोई मौके पर नहीं आया, जबकि डीएम ने बैठक कर कहा था कि बेसहारा गोवंश को संरक्षित करने की जिम्मेदारी लेखपाल, सचिव व प्रधान की है।
बहरहाल, देर शाम तक बेसहारा गोवंश पंचायत भवन में बंद थे। इनके चारा-पानी का कोई इंतजाम नहीं किया जा सका था। तहसीलदार बिसवां अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि संबंधित लोगों से जानकारी कर गोवंश संरक्षित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की लापरवाही सामने आई, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
15 गोवंश किए गए संरक्षित :
औरंगाबाद के परसपुर में अस्थायी गोशाला बनाकर बेसहारा गोवंश को संरक्षित किया गया है। गोशाला में 15 गोवंश रखे गए हैं। प्लास्टिक का तिरपाल तानकर ठंड से बचाव की व्यवस्था की गई है। गोवंश के लिए चारा-पानी की व्यवस्था भी की गई है। प्रधान कुलदीप यादव ने बताया कि बेसहारा घूमने वाले गोवंश को पकड़कर अस्थायी गोशाला में रखा जा रहा है। ग्रामीणों से कहा गया है कि बेसहारा गोवंश की सूचना दें, अगर पकड़ें तो गोशाला ले आएं।
'गोवंश को समय पर मिले चारा, सर्दी से बचाएं'
सिधौली में एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर ने रविवार को धरौली गोशाला का औचक निरीक्षण किया। गोशाला में 110 गोवंश संरक्षित हैं। एसडीएम ने गोशाला के रजिस्टर से गोवंश का मिलान किया। गोशाला में चारा, पानी मौजूद मिला।
एसडीएम ने निर्देश दिया कि गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए गोशाला के चारों तरफ प्लास्टिक की तिरपाल लगाएं। रासन कोटेदार के यहां से खाली बोरा लाकर गोवंश के ऊपर डालने का भी निर्देश दिया। एसडीएम ने कहा कि बेसहारा गोवंश फसलों का नुकसान न करने पाएं। इनको गोशाला में संरक्षित करने की उचित व्यवस्था कराएं।