धारा में समाए दो मकान, गांवों में पानी
कम नहीं हुआ शारदा व घाघरा नदियों का जलस्तर। रेउसा व रामपुर मथुरा के कई गांवों में भरा है पानी।
सीतापुर : शारदा व घाघरा नदियों का घटता-बढ़ता जलस्तर ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। दुर्गापुरवा गांव के दो मकान बुधवार को नदी में समा गए। कई गांवों में नदियों का पानी भरा हुआ है। रास्ते जलमग्न होने से आवागमन भी बाधित है। वहीं, गांवों में नदियों का पानी भरा होने से संक्रामक बीमारियां भी फैलने लगी हैं।
तहसीलदार बिसवां अविचल प्रताप ने बताया कि नायब तहसीलदार योगेंद्र कुमार, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। ग्रामीणों के उपयोग की वस्तुओं को पहुंचाने के लिए नावें लगाई गई हैं। ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन भी कर रहे हैं।
रेउसा : गांव और घरों में भरा पानी कम भी नहीं हो पाया था कि, नदियों का जलस्तर फिर बढ़ गया। गांवों के हालात खराब हो गए। दुर्गापुरवा निवासी कमलेश व राम खेलावन के पक्के घर नदी की धार में समा गए। वहीं 10 ग्रामीणों के घरों पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। गांव में पानी भरा होने से बुखार-जुकाम, खांसी आदि बीमारियां भी फैलने लगी हैं। दरोगालाल यादव, सिपाहीलाल, ललित कुमार, मायाराम, कृपाराम, रामू, राधेश्याम, मुलायम सिंह यादव मोतीलाल, संजीवन लाल यादव आदि ग्रामीण बीमारी की चपेट में हैं। 50 से अधिक गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में कट गए हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
रामपुर मथुरा : मंगलवार रात से घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा है। बुधवार को मीटर गेज 119.05 सेटीमीटर जलस्तर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से .05 सेमी अधिक है। अखरी, अंगरौरा आदि गांवों में भरा पानी भी कम नहीं हुआ। ग्रामीण घरों की छत पर पनाह लिए हुए हैं। घरों में पानी भरा होने से ग्रामीणों को पेयजल सहित कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को तहसीलदार अशोक कुमार ने नाव से शुकुलपुरवा, बगस्ती, केऊडा आदि का जायजा लिया।