इमरजेंसी में बच्चों का इलाज, वार्ड भी फुल
दोपहर 1230 बजे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आए पांच बचे। उपचार के बाद वार्ड में किए गए शिफ्ट वार्ड में चार बचे हैं मलेरिया पीड़ित।
सीतापुर : दोपहर 12:30 बजे शुक्रवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी के सभी पांच बेड पर बच्चों का उपचार हो रहा था। हालत गंभीर देख तीन बच्चों को लखनऊ रेफर का पर्चा बना दिया गया। हालांकि, तीमारदार बच्चों का उपचार जिला अस्पताल में ही कराते रहे। वहीं दो बच्चों को आनन-फानन में चिल्ड्रेन वार्ड में शिफ्ट किया गया। पिपरीकला में रहने वाली 12 वर्षीय अनामिका का काफी देर तक इमरजेंसी में उपचार हुआ। अनामिका को तेज बुखार आया था। बाद में उसे वार्ड में भर्ती किया गया
सीएमएस डा. एके अग्रवाल ने बताया कि मौसम परिवर्तन की वजह से बुखार के मरीज बढ़े हैं। मरीजों को परामर्श व दवाई दी जा रही है। चिल्ड्रेन वार्ड में कभी-कभी एक बेड पर दो बच्चों को भर्ती कर लिया जाता है। प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लड चढ़ा दिया जाता है। बच्चे में लखनऊ रेफर होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
बुखार के साथ लाल हो जाती थीं रहमान की आंखें :
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में रहमान का उपचार करा रही उसकी मां रुखसाना ने बताया कि, रहमान को काफी तेज बुखार आता है। बुखार के साथ ही आंखें भी लाल हो जाती हैं। वहीं 10 वर्षीय सुमित का बदन भी बुखार से तप रहा था। उसे सात दिन से बुखार आ रहा है। परिवारजन, दोपहर में उसे जिला अस्पताल लाए। सुमित की मां रानी के मुताबिक बुखार बहुत तेज आता है। पांच दिन से बुखार पीड़ित अभिनव भी इमरजेंसी में उपचार करा रहा था।
चिल्ड्रेन वार्ड में 31 बच्चे, शुक्रवार दोपहर तक आए छह :
जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती बच्चों की संख्या उपलब्ध बेड से अधिक हो गई है। वार्ड में शुक्रवार को 31 बच्चे भर्ती थे। शुक्रवार दोपहर तक वार्ड में छह बच्चे भर्ती किए गए। वार्ड में भर्ती कई बच्चों को ड्रिप लगी थी, ग्लूकोज चढ़ रहा था।
चिल्ड्रेन वार्ड में चार बच्चों को मलेरिया :
जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में शुक्रवार को चार पीड़ित बच्चे भर्ती थे। बच्चों के बेड पर मच्छरदानी लगाई गई है। शिवम को तीन दिन से बुखार आ रहा है। हालत में सुधार अब तक नहीं हुआ है। नैंसी को भी शुक्रवार को भर्ती कराया गया। उसे डायरिया हो गया था। बुखार पीड़ित सत्यम भी वार्ड में भर्ती है। इनाया व कन्या को पहले एक ही बेड पर भर्ती किया गया। बाद में बुखार पीड़ित कन्या को दूसरे बच्चे के साथ बेड पर शिफ्ट किया गया।