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शिक्षा की जगा रहे अलख, संवार रहे विद्यार्थियों का जीवन

जिले के शिक्षकों ने शिक्षा क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए दिया बेहतर योगदान।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 11:09 PM (IST)
शिक्षा की जगा रहे अलख, संवार रहे विद्यार्थियों का जीवन
शिक्षा की जगा रहे अलख, संवार रहे विद्यार्थियों का जीवन

सीतापुर : शिक्षक समाज का निर्माता होता है। इसलिए जो सम्मान शिक्षक का है, वह किसी और को प्राप्त नहीं है। जिले में कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने अपनी कार्य पद्धति से उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने अपने कार्य को केवल नौकरी तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि समाज में कीर्तिमान भी स्थापित किया है।

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खेल जगत में चमका जिले का नाम :

बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत व्यायाम शिक्षक राज शर्मा ने जिले को कई उपलब्धियां दिलाई हैं। खेल के प्रति अभिरुचि छात्र जीवन से ही थी। छात्र जीवन के दौरान उन्होंने एनसीसी कैडेट रहते हुए दिल्ली परेड में प्रतिभाग किया व सिल्वर मेडल भी जीता था। इसके अलावा बतौर व्यायाम शिक्षक उन्होंने बच्चों को एथलीट में मंडल व स्टेट तक पहुंचाया। इसके अलावा योग प्रतियोगिता में बच्चों को मंडल स्टेट से होते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया। राज शर्मा ने 2003 से 2005 तक अलग अलग प्रदेशों में होने वाली एथलीट प्रतियोगिता में कोच व मैनेजर बनकर प्रतिभाग किया। 2016 से 2019 तक कर्नाटक, झारखंड, मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र, केरल, गुजरात में कोच व मैनेजर रहे। कोरोना काल में बच्चों को आनलाइन योग शिक्षा दी।

वीडियो के माध्यम से बताईं रासायनिक समीकरण :

कोरोना काल में बच्चों को वीडियो के जरिये शिक्षित करने के लिए एचआरडी इंटर कालेज बिसवां के रसायन विज्ञान प्रवक्ता डा. देवेंद्र पांडेय का भी चयन हुआ था। उन्होंने इंटर कक्षा के लिए नौ वीडियो बनाए। इनका प्रसारण दूरदर्शन और स्वयंप्रभा चैनल पर किया गया। छात्रों तक सहज और सरल तरीके से रसायन विज्ञान की जटिल समीकरणों को पहुंचाया। डा. देवेंद्र पांडेय को इस कार्य के लिए उत्तर प्रदेश दिवस व शिक्षक दिवस पर सम्मानित भी किया गया था।

फुलवारी के बीच चलाते बच्चों की क्लास :

कंपोजिट विद्यालय नकारा बिसवां में कार्यरत प्रधानाध्यापक संकेत वर्मा शिक्षण कार्य के साथ साथ सामाजिक सरोकारों में भी विश्वास रखते हैं। अपनी मेहनत और लगन के आधार पर विद्यालय परिसर को महकती फुलवारी में बदल दिया है। विद्यालय परिसर में 20 रंगों के गुलाब, 12 तरह के गुड़हल व पाम के पौधे लगा रखे हैं। इसके साथ ही किचन गार्डेन में मौसमी सब्जियां लगा उगा रखीं हैं। बच्चों को एमडीएम में गार्डेन की ही ताजी सब्जियां बनाकर कर खिलाई जातीं हैं। संकेत वर्मा ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए पुस्तकालय, प्रोजेक्टर, एलसीडी लगा रखी है। गर्मी में बच्चों को परेशानी न हो इसके लिए दो इनवर्टर सभी कमरों में पंखे लगा रखे हैं। जरूरतमंद बच्चों की भी सहायता की।

कठपुतली से कराई पढ़ाई :

बच्चों में शिक्षा के प्रति अभिरुचि पैदा करना महोली के एआरपी अतन शुक्ल के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। प्राथमिक विद्यालय महोली में शिक्षक के तौर पर उन्होंने बच्चों को शिक्षा के प्रति अभिरुचि पैदा करने के लिए कठपुतली का सहारा लिया। कठपुतली स्वयं बनाते हैं, उसका संचालन व संवाद भी खुद लिखते व बोलते भी हैं। इस कला को उन्होंने बच्चों को भी सिखाया। बच्चे कठपुतली बनाकर खेल खेल में शिक्षा ग्रहण करते हैं। अतन शुक्ला ने एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) के पद पर चयनित होने के बाद अपने क्षेत्र में अलग अलग विद्यालयों में जाकर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का कार्य भी किया। गणित और भाषा से संबंधित वीडियो बनाकर दीक्षा एप पर अपलोड किए, जिनसे शिक्षकों को प्रशिक्षित होने का मौका मिला।


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