शिक्षकों ने भरी हुंकार, जाग भी जाओ सरकार
सभी बीआरसी पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने दिया धरना। धरने पर डटे रहे शिक्षक व शिक्षिकाएं।
सीतापुर : शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, रसोइया, केजीबीवी की शिक्षिकाओं की समस्याओं को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला मुख्यालय सहित सभी बीआरसी पर धरना प्रदर्शन कर 21 सूत्री मांगों को जोरदार ढंग से रखा।
जिलाध्यक्ष रवींद्र दीक्षित ने कहा बेसिक शिक्षा परिषद विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक, रसोइया एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक विभाग की कार्यशैली से त्रस्त हैं। बेसिक शिक्षकों की पुरानी पेंशन व सवा लाख विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद समाप्त कर दिए गए हैं। शिक्षक की पदोन्नति नहीं की जा रही है। अनुदेशकों का मानदेय रुपए 17 हजार से घटाकर रुपये सात हजार कर दिया गया है। रसोइया आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक कम वेतन पा रहे हैं। शिक्षकों व कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन से रोका जा रहा है। संगठन इस उत्पीड़न को सहन नहीं करेगा।
इस मौके पर जिला मंत्री संकेत वर्मा, कोषाध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव, खैराबाद अध्यक्ष पवन सिंह, मीडिया प्रभारी विवेक पंडित, रत्नेश मिश्र सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे। हरगांव: जिला उपाध्यक्ष महिपाल सिंह, ब्लाक अध्यक्ष अध्यक्ष देवेंद्र सिह मौजूद रहे। सिधौली अध्यक्ष उमेश कुमार सिंह, मंत्री रोहित तिवारी, मौजूद रहे। रामपुर मथुरा ब्लाक अध्यक्ष जंग बहादुर यादव, महामंत्री नीरज कुमार वर्मा मौजूद रहे। संदना : गोदलामऊ ब्लाक अध्यक्ष अजय सिह ,महामंत्री दिब्य प्रकाश भारती शिक्षक मौजूद रहे। बिसवां में मंत्री सुनील वाजपेयी, अपर्णा सिंह, अनीता पांडेय मौजूद रही। इमलिया सुल्तानपुर: प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी सिंह, पुनीत शुक्ला मौजूद रहे।
यह रहीं प्रमुख मांगें :
- पुरानी पेंशन बहाल किया जाए।
- कैशलेश चिकित्सा, एसीपी, उपार्जित अवकाश, दूसरे शनिवार को अवकाश दिया जाए।
- छात्रों को बैठने के लिए फर्नीचर, स्कूल में चहार दीवारी, बिजली पंखा, पानी की सुविधा दी जाए।
- विद्यालय में प्रधानाध्यापक, शिक्षक, कर्मचारी, चौकीदार दिया जाए।
- शिक्षकों का अन्त:जनपदीय व अंतरजनपदीय स्थानांतरण दिया जाए।
- संविलयन निरस्त करते हुए पदोन्नति दी जाए।
- आनलाइन काम के बहाने शिक्षकों का शोषण बंद किया जाए।
- परिवार नियोजन भत्ता दिया जाए।
- सामूहिक बीमा 10 लाख तक किया जाए।
- कोरोना में मृत शिक्षकों के परिवारजन को आर्थिक लाभ व नौकरी दी जाए।