अधिशासी अभियंता जल निगम को प्रतिकूल प्रविष्ट
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सीतापुर : शहर में अमृत योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसमें हीलाहवाली बरतने और शासन-प्रशासन में निगम की छवि खराब करने के आरोप में कार्यवाहक अधिशासी अभियंता सौरभ सुमन को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में ये प्रारंभिक कार्रवाई 6 फरवरी को उप्र जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने की है।
प्रबंध निदेशक के कार्यालय ज्ञाप के मुताबिक 19 नवंबर 2018 को एसएचपीएसपी की बैठक में पता चला कि सीतापुर शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए पाइप डालने का कार्य प्रारंभ होने के सात महीने बाद भी योजना पर सिर्फ 2.62 करोड़ 45 हजार रुपये ही खर्च हो सके हैं, जो स्वीकृत लागत का 7.3 प्रतिशत है और कार्य की प्रगति सिर्फ 10 प्रतिशत है। जबकि ये कार्य 4 अक्टूबर 2019 तक हर हाल में पूरा किया जाना है। प्रबंध निदेशक ने कहा है, इससे स्पष्ट है कि कार्यवाहक अधिशासी अभियंता सौरभ सुमन द्वारा कार्य कराने में कोई रुचि नहीं ली जा रही है। कार्यों के संचालन में लगातार लापरवाही, उदासीनता बरती जा रही है। इनकी इस तरह की कार्यशैली से शासन व प्रशासन में जल निगम की छवि भी खराब हो रही है। इस मामले में प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण अभियंता से भी जवाब-तलब कर लिया है। कहा है, अधीक्षण अभियंता ने सीतापुर शहर में जलापूर्ति के लिए बिछाई जा रही पाइप लाइन की प्रगति के संबंध में अपने स्तर से क्या प्रयास किए हैं। संबंधित प्रयासों से अवगत कराने के लिए भी प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि शहर में नगर पालिका परिषद पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-2 के कार्यों के संबंध में एसएलटीसी ने 26 फरवरी 2018 को निविदा स्वीकृत की थी और फिर 5 अप्रैल 2018 से शहर में पाइप बिछाने का कार्य प्रारंभ हुआ था।