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बिसवां से सुरेश प्रकाश सिंह बने थे पहले विधायक

एक ही सीट से सर्वाधिक चार बार विधायक बनने का गौरव गया प्रसाद मेहरोत्रा के नाम। कांग्रेस का भी गढ़ रहा है बिसवां विधानसभा क्षेत्र पद्मा सेठ लगातार तीन बार विधायक रहीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:11 PM (IST)
बिसवां से सुरेश प्रकाश सिंह बने थे पहले विधायक
बिसवां से सुरेश प्रकाश सिंह बने थे पहले विधायक

निर्मल पांडेय, सीतापुर

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आजादी के बाद वर्ष 1956 में परिसीमन आदेश पारित होने पर बिसवां क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में हुआ था। शुरुआती दौर में रेउसा व बिसवां ब्लाक क्षेत्र को जोड़कर विधानसभा सीट का गठन हुआ था। कांग्रेस के सुरेश प्रकाश सिंह पहले विधायक बने थे। सुरेश प्रकाश सिंह टिकरा गांव के रहने वाले थे।

1962 में जनसंघ के गया प्रसाद मेहरोत्रा विधायक चुने गए थे। 1967 में भारतीय जनसंघ के गया प्रसाद मेहरोत्रा दूसरी बार विधायक बने। फिर 1969 में कांग्रेस के बाबू कृपा दयाल ने बाजी मारी थी। इनके बाद भारतीय जन संघ के उम्मीदवार के तौर पर गया प्रसाद मेहरोत्रा ने 1974 और फिर 1977 में जनता पार्टी से भी वह लगातार दो बार विधायक बने।

इस तरह बिसवां विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक चार बार विधायक होने का गौरव आज भी गया प्रसाद मेहरोत्रा के नाम ही है। बीच में सियासी समीकरण बदले तो बिसवां में कांग्रेस मजबूत हुई। 1980 में कांग्रेस के टिकट पर राम कुमार भार्गव विधायक बने। फिर 1985 से 1992 तक तीन चुनावों में लगातार पद्मा सेठ कांग्रेस से विधायक बनतीं रहीं।

93 से 'साइकिल' 02 में अस्तित्व में आया 'हाथी' :

1993 में सुंदर पाल सिंह ने बिसवां में पहली बार समाजवादी पार्टी का परचम बुलंद किया और वह विधायक बने। इनके बाद फिर 16 साल बाद अपने पिता गया प्रसाद मेहरोत्रा की जगह अजीत कुमार मेहरोत्रा ने ली और 1996 में भारतीय जनता पार्टी के कमल को बिसवां में खिला दिया। फिर 2002 रामपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी से सीट लेने में कामयाब रहे लेकिन, अगले चुनाव में निर्मल वर्मा ने बिसवां क्षेत्र में 'हाथी' को सरपट दौड़ाकर बाजी मार ले गए। वर्ष 2012 के चुनाव में सपा के रामपाल यादव ने अपनी 'साइकिल' से ही 'हाथी' को पछाड़ा और विधानसभा पहुंच गए।

उतार-चढ़ाव में कमल खिलाने में लगे 15 साल :

उतार-चढ़ाव के बीच 2002 के बाद बिसवां में कमल को खिलाने में भाजपा को 15 साल का वक्त लगा। फिर 2017 के चुनाव में महेंद्र सिंह ने 'साइकिल' की हवा निकाल दी। महेंद्र सिंह बीजेपी से विधायक बनकर विधानसभा पहुंच गए।

3.37 मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग :

बिसवां सीट पर वर्तमान में कुल 3,37,241 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 1,78,430 हैं और महिला वोटर 1,58,800 व 11 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।


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