खराब व पुराने बोरों की आपूर्ति, उठान न होने से खरीद प्रभावित
क्रय एजेंसियों ने शहर गल्ला मंडी में आवक से अधिक खरीद डाला धान। क्रय केंद्रों पर तौल के इंतजार में किसानों को बितानी पड़ रहीं रातें।
सीतापुर : पहला मौका है जब खरीद एजेंसियों ने शहर गल्ला मंडी में आवक से अधिक धान खरीद डाला है। एजेंसियों ने 1.33 लाख क्विंटल धान महीने भर में खरीदा है। गल्ला मंडी में एक अक्टूबर से 12 नवंबर तक कुल धान की आवक 1.13 लाख क्विंटल रही। क्रय एजेंसियों ने 1,942 किसानों से धान खरीद दिखाई है। वहीं, क्रय केंद्रों पर बोरों का अभाव है, जो बोरे उपलब्ध भी कराए गए हैं, वे खराब हैं। गल्ला मंडी के पीसीयू क्रय केंद्र पर बोरों को दिखाते हुए ठेकेदार ईशा खान ने कहा कि बोरे बुरी तरह से खराब हालत में हैं। चट्टे में लगे बोरों से गल्ला गिर रहा है। उठान के अभाव में धान का स्टाक लग गया है। टिनशेड फुल हैं। अब धान भरे बोरों को खुले में रखा जा रहा है। मौसम बिगड़ा तो धान भीग जाएगा। उन्होंने कहा कि गल्ला उठान नहीं होने से खरीद भी प्रभावित हो रही है।
सिर्फ 35 हजार क्विंटल धान की उठान :
डिप्टी आरएम की रिपोर्ट के मुताबिक खरीदे गए 1.33 क्विंटल धान में से अब तक 35 हजार क्विंटल ही राइस मिलों को भेजा गया है। वहीं, 98,850 क्विंटल धान क्रय केंद्रों पर उठान के लिए पड़ा है।
इन एजेंसियों ने की खरीद :
12 अक्टूबर से 12 नवंबर तक की खरीद में हाट शाखा ने 672, पीसीएफ ने 467 और पीसीयू ने 626 किसानों से धान खरीदा है। यूपीएसएस ने 40, मंडी परिषद 105 और एफसीआइ 32 किसानों से उनका धान खरीदा है।
महसिंह उमरी-परसेंडी के मंजीत सिंह ने बताया कि गल्ला मंडी में गुरुवार दोपहर को पीसीयू के क्रय केंद्र पर एक ट्राली धान लाए थे। शनिवार दोपहर को तौल शुरू हुई तो बोरा खत्म हो गया। तौल रुकी हुई है। नव्वा नेवादा-परसेंडी के दीपक ने बताया कि गल्ला मंडी में गुरुवार को एक ट्राली धान लाए थे। ट्रैक्टर-ट्राली 15 रुपये प्रति क्विंटल धान की दर से भाड़े पर है। ट्राली में 30-35 क्विंटल धान होगा।
डिप्टी आरएमओ अरविद दुबे ने बताया कि ई-पास मशीन यदि किसान का अंगूठा नहीं ले रही है तो पंजीयन में वह किसी को नामिनी कर दें। केंद्रों पर खरीदे गए धान का उठान में एफसीआइ का अलग नियम है। अन्य केंद्रों से उठान हो रहा है। बोरों की व्यवस्था खुद खरीद एजेंसी को करनी है। नए बोरों में सिर्फ चावल भरा जाएगा। इस बार हमारी खरीद अच्छी है। 1.33 लाख क्विंटल खरीद हो गई है।