कहीं पर्ची की दिक्कत तो कहीं सर्वे में खामी से परेशान हैं किसान
समिति कार्यालय की लगा रहा दौड़ बताया तीन-चार बार आ चुके हैं पर समिति कार्यालय पर
सीतापुर : सोमवार को दोपहर के 12 बज रहे थे। सहकारी गन्ना विकास समिति कार्यालय पर किसानों का आना-जाना लगा था। कुछ किसान परिसर में इधर-उधर खड़े कामदार तो कुछ सचिव को खोज रहे थे। वहीं, मानपुर क्षेत्र के पुरवादासापुर के बुजुर्ग किसान राजेंद्र साइकिल खींचते हुए समिति कार्यालय पहुंचे। पूछने पर बताया उनके गांव से समिति कार्यालय 15-16 किमी दूर है पर, क्या करें। इससे पहले भी तीन बार आ चुके हैं, सुनवाई नहीं हो रही है। समस्या एक भी पर्ची न मिलने की बताई। कहा, नौ बीघा पेड़ी गन्ना है। वहीं, गोंदलामऊ के हरमेश भी परेशान दिखे। बताया, पांच बीघे गन्ना है। सिर्फ एक पर्ची बनी है। समिति कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। सोमवार से पहले भी तीन बार आ चुके हैं, सुनवाई नहीं हो रही है।
आंकड़ों में गन्ना किसान-पर्चियां
गन्ना किसान- 1.16 लाख
कुल सट्टा- 1.55 करोड़ क्विंटल
कुल पर्चियां- 8.62 लाख 375
जारी पर्चियां- 2.73 लाख 853
कुल शिकायतें-11,080
निस्तारित शिकायतें-11,027
स्त्रोत : सहकारी गन्ना समिति कार्यालय। गन्ना समिति कार्यालय की दौड़..
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चार बीघे पेड़ी गन्ना है पर, सर्वे में पौधा दर्ज है। छह पर्ची हैं, सिर्फ एक पर्ची मिली है। इसके लिए दो बार समिति आ चुका हूं।
- राजकुमार तिवारी, अमरनगर
हमारा चार बीघे गन्ना का सर्वे छूटा है। घोषणा पत्र जमा किया है पर, पर्ची नहीं आई है। तीर बार समिति आ चुकी हूं।
- मूला पत्नी जगून, पुरैनी
हमारे गांव से 15-16 किमी दूर है समिति कार्यालय। साइकिल से दौड़ लगा रहे हैं। तीन बार आ चुके पर, सुनवाई नहीं हो रही है। नौ बीघा पेड़ी है। पर्ची नहीं मिली।
- राजेंद्र कुमार, पुरवादासापुर
कई बार समिति पर आ चुका हूं। कामदार को तीन बार जमीन का इंतखाप दिया पर, जमीन की फीडिग नहीं हुई। पांच बीघे गन्ना है, पर्ची नहीं मिली है।
- मोहम्मद यासीन, हसनापुर
270 क्विंटल गन्ने का बेसिक कोटा है। सिर्फ 7 पर्ची बनी हैं। इसमें 2 पर्ची मिली हैं। पर्ची कम हैं, इसलिए समिति की दौड़ लगा रहे हैं।
- पुत्तीलाल, चलाकापुर
कोई भी किसान आता है तो उसकी समस्या उसी दिन निस्तारित करते हैं। रही बात जमीन फीडिग की तो 15 दिन में पोर्टल खुलता है, उस दिन तक जितने भी प्रार्थना पत्र आए होते हैं, फीड करा देते हैं। मैं प्रतिदिन ऑफिस बैठता हूं।
- आरबी अंबेडकर, सचिव-सहकारी गन्ना विकास समिति