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खेत पर ही गन्ना फसल का ऑनलाइन सर्वे शुरू

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By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 11:02 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 11:02 PM (IST)
खेत पर ही गन्ना फसल का ऑनलाइन सर्वे शुरू
खेत पर ही गन्ना फसल का ऑनलाइन सर्वे शुरू

सीतापुर : बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ चीनी मिल ने अपने क्षेत्र में गन्ना फसल का सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वेकर्ताओं ने पहले दिन गुरुवार को सिधौली तहसील के पूरनपुर, रेहुआ, जतौरा, जमवा, चंदेसुवा आदि गांवों में सर्वे किया है। इस बार एचएचसी (जीपीएस) मशीन से खेत पर खड़े होकर सर्वे हो रहा है। सर्वेकर्ताओं ने कहा कि, गन्ना सर्वे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है गन्ना खरीद की कार्य प्रणाली इसी पर निर्भर करती है। किसानों को पर्ची जारी होने की प्रक्रिया गन्ना सर्वेक्षण के क्षेत्रफल के आधार पर होती है। इसलिए सर्वे में किसी भी स्तर पर चूक न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सर्वे का कार्य जीपीएस द्वारा खेत की तीन भुजाएं मापकर किया जा रहा है। सर्वे के दौरान ही किसान को एक रसीद दी जा रही है। सर्वे में एकत्र डाटा चीनी मिल और समिति के सॉफ्टवेयर मे अपलोड किया जाएगा। इस सर्वे में कमलापुर गन्ना समिति के अंबुज मिश्र, चीनी मिल से वरिष्ठ गन्ना विकास अधिकारी अमरेंद्र बघेल, गन्ना सुपरवाइजर सौरभ मिश्र आदि शामिल हैं। कर्मियों की लापरवाही में परेशान हुए भगवानदीन

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गुरुवार को सर्वे के दौरान कर्मियों के सामने पूरनपुर के भगवानदीन ने कहा कि, पिछले वर्ष सर्वे होने के बाद भी सट्टा प्रदर्शन में हमारी गन्ना फसल का सर्वे अभिलेखों में दर्ज ही नहीं किया गया। इस कारण सट्टे में गन्ने का रकबा और पर्चियां शून्य थीं। इसके लिए उन्हें चीनी मिल और समिति कार्यालय की दौड़ लगानी पड़ी थी। सीतापुर में हैदरगढ़ चीनी मिल का क्षेत्र

कमलापुर गन्ना समिति के 76 गांव हैं।

पिछले साल 2998.542 हेक्टेयर में फसल थी।

सात गन्ना क्रय केंद्र खुले थे।

ऐशबाग समिति क्षेत्र में 45 गांव हैं।

पिछले साल गन्ना फसल 900 हेक्टेयर में थी।

चार गन्ना खरीद केंद्र खोले गए थे।

पिछले सर्वे में गिनाई खामियां

चित्र-09 एसआइटी-34-

पिछले वर्ष के सर्वे में हमारी तीन हेक्टेयर में गन्ने की फसल सर्वे से छूट गई थी। इस कारण मिल से मुझे कोई पर्ची नहीं मिल पाई और जब मिल का कांटा फ्री हुआ तब हमारे गन्ने की तौल हो पाई थी।

- विनोद शुक्ल, पूरपुर चित्र-09 एसआइटी-35-

पिछले सर्वे में सॉफ्टवेयर में डाटा दर्ज करने में लापरवाही हुई इसीलिए पर्चियां क्रय से जारी नहीं हो पाईं। सट्टा प्रपत्र के पहले कॉलम में एक पर्ची और फिर सातवें कॉलम में दूसरी पर्ची थी अर्थात हमारी पर्चियां बिखर गईं थीं।

- राम नरेश, पूरनपुर

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