जेल में स्मार्ट क्लास, बंदियों को शिक्षित बनाने का प्रयास
दो घंटे की क्लास चलती है। प्रतिदिन 40 महिला बंदियों को किया जा रहा साक्षर। 80 पुरुष बंदी कर रहे हैं जेल में पढ़ाई। अधिकारियों की निगरानी में प्रतिदिन शिक्षित हो रहे हैं बंदी।
सीतापुर : जिला जेल में स्मार्ट क्लास से बंदियों को साक्षर बनाने का प्रयास हो रहा है। शिक्षित बंदी, अन्य बंदियों को लिखना-पढ़ना सिखा रहे हैं। जेल अधीक्षक और जेलर की देखरेख में प्रतिदिन बंदियों की क्लास लगती है। कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक की क्लास चल रही है। बंदियों को प्रोजेक्टर और लैपटाप से पढ़ाया जाता है।
स्मार्ट क्लास शिव नादर फाउंडेशन की ओर से तैयार की गई है। सुबह से शाम तक तीन क्लास लगती हैं। अलग-अलग कक्षाओं के बंदी, इनमें पढ़ाई करते हैं। जेल अधीक्षक एसके सिंह व जेलर आरएस यादव भी क्लास लेते हैं। जेलर आरएस यादव ने बताया कि बंदियों को साक्षर करने के लिए जेल परिसर में स्मार्ट क्लास चलाई जा रही है। कक्षा एक से पांच व छह से आठ कक्षा तक बंदियों को पढ़ाया जा रहा है। एक महिला व छह पुरुष बंदी, बंदियों को पढ़ा रहे हैं।
120 बंदी कर रहे जेल में पढ़ाई :
जिला जेल में बंद 120 बंदी स्मार्ट क्लास में बैठकर पढ़ाई करते हैं। इनमें 40 महिलाएं और 80 पुरुष बंदी शामिल हैं। दो-दो घंटे की यह क्लास प्रतिदिन तीन बार लगती है। कक्षा एक से पांच तक के बंदी अलग कक्षाओं में बैठते हैं और छह से आठ तक के अलग। बंदी भी पढ़ाई-लिखाई में खासी रुचि दिखा रहे हैं।
ट्रेनिग से हुए ट्रेंड, अब रहे हैं अध्यापन :
जेलर आरएस यादव ने बताया कि बंदियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी छह पुरुष और एक महिला बंदी संभाल रही है। इन बंदियों को शिव नादर फाउंडेशन ने ट्रेनिग भी दी है। बंदी शिक्षकों में कुछ वह लोग भी हैं जो कोटा राजस्थान में खुद की कोचिग चलाते थे। वहीं, महिला बंदियों को साक्षर करने वाली महिला बंदी शिक्षामित्र है।
आंकड़ों में जेल में निरुद्ध बंदी
- 969 बंदियों की क्षमता है जेल की
- 1980 बंदी निरुद्ध हैं कारागार में
- 31 बैरक हैं जनपद कारागार में
- 120 कुल बंदी कर रहे हैं पढ़ाई
- 03 बार लगती है क्लास प्रतिदिन