जर्जर टिनशेड, अंत्येष्टि स्थल की छत भी टूटी
शहर के गोपालघाट अंतिम संस्कार स्थल पर भी हैं समस्याएं
सीतापुर : जिम्मेदारों को गाजियाबाद के मुरादनगर की घटना से सबक लेना चाहिए। जिला मुख्यालय के गोपालघाट अंतिम संस्कार स्थल पर भी कई दिक्कतें हैं। समाजसेवियों की ओर से बनवाए गए दो टिनशेड जर्जर हो गए हैं। एक अंत्येष्टि स्थल चबूतरे की छत टूट गई है। सरिया लटक रहीं हैं। प्लास्टर भी उखड़ रहा है। टिनशेड के नीचे बनी बेंच भी खराब हो गई हैं। गोपालघाट पर अन्य कई समस्याएं हैं। अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
1995 में कराया गया टिनशेड निर्माण
गोपालघाट अंतिम संस्कार स्थल पर एक साइड में चार टिन शेड बने हैं। बाबा रामेश्वर दास विश्राम स्थल पर निर्माण का वर्ष 1994-95 दर्ज किया गया है। टिनशेड की छत जर्जर हो गई है। टिनशेड के नीचे बनी बेंच भी खराब हो रही हैं। दूसरा टिन शेड भी खराब है। दूसरी ओर दो अन्य टिनशेड बने हैं। इसके एक टिनशेड की हालत सही है। इसका निर्माण कुछ वर्ष पहले ही कराया गया है।
छत वाले पांच चबूतरों पर होता है अंतिम संस्कार
गोपालघाट पर दाह संस्कार के लिए पांच चबूतरे हैं। खंभों के सहारे छत भी डाली गई है। पहले चबूतरे की छत जर्जर हो गई है। अन्य चबूतरों पर बनी छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है। गोपालघाट की देखरेख करने वाले सत्रोहन लाल रस्तोगी ने बताया कि, छत टूट गई है। इस चबूतरे का प्रयोग कम ही किया जाता है। आए दिन प्लास्टर गिरता रहता है।
टूट गई है पीछे की बाउंड्री वॉल
अंतिम संस्कार स्थल की बाउंड्री वॉल भी कई स्थानों पर टूट गई है। जिम्मेदारों ने किसी तरह ईंटों को रखकर दीवार खड़ी की है। ईंटें रखने से बेसहारा जानवर अंतिम संस्कार स्थल में प्रवेश नहीं पाते हैं। अस्थियों को रखने के लिए बनवाई गई कुछ अलमारियां भी बेकार हो चुकी हैं।
वर्जन
गोपालघाट अंतिम संस्कार स्थल की जांच कराई जाएगी। अगर चबूतरे की छत जर्जर है तो पालिका ईओ को निर्देशित कर सही कराया जाएगा।
- विनय पाठक, एडीएम