भीड़ देख बोले प्रमुख सचिव, व्यवस्थाएं ठीक नहीं
अव्यवस्थाओं के मोबाइल से क्लिक कर लिए फोटो समझी ओपीडी की सेवाएं
सीतापुर : प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आलोक कुमार ने सोमवार दोपहर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। आते ही उन्होंने रूपेश को आवाज लगाई। सीएमएस से नाराजगी जाहिर करने लगे। कहा, हमारे कहने के बाद भी अस्पताल में भर्ती इनकी पत्नी के इलाज को इन्हें परेशान होना पड़ा। हिदायत देते हुए कहा, देखो ये अच्छी बात नहीं है। इसके बाद उन्होंने ओपीडी की व्यवस्थाएं समझनी शुरू कीं।
सीएमएस से कहा, हमें ये बताएं कि ओपीडी तक पहुंचने में रोगी को कहां-कहां से गुजरना होता है। इस पर उन्हें सीएमएस अस्पताल में ओपीडी के लिए प्रवेश द्वार पर ले गईं। यहां तीमारदारों की भीड़ थी। प्रमुख सचिव ने कई तीमारदारों से इलाज के संबंध में पूछा तो जवाब मिला, इलाज अच्छा है। फिर वह पर्चा काउंटर पहुंचे। मैनुअल पर्चों के संबंध में पूछताछ की। इसके बाद उन्होंने औषधि वितरण कक्ष पहुंचने को ऊंचाई से बने रैंप को देख नाराजगी जाहिर की। कहा, इस रैंप से गर्भवती महिलाएं गिरती होंगी। औषधि वितरण कक्ष में दवाओं के रख-रखाव व डिलीवरी के संबंध में पूछा। यहां व्यवस्थाएं देख उन्होंने कर्मी आशीष को 'वेल डन' कहा। ओपीडी में रोगियों और बाहर तीमारदारों की भीड़ देखकर प्रमुख सचिव ने कारण पूछा तो सीएमएस ने जवाब दिया लोड बहुत है, व्यवस्थाएं कम हैं। प्रमुख सचिव ने कहा, लोड होना अच्छी बात है इससे लगता है अस्पताल में इलाज अच्छा मिल रहा है, पर दिक्कत ये है कि हम लोग व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं।
लेबर रूम अच्छा है
प्रमुख सचिव ने बाहर से लेबर रूम देखा, कहा जिस तरह से यहां व्यवस्थाएं हैं ऐसे ही पूरा अस्पताल नहीं हो सकता। जिस पर सीएमएस ने बजट की बात कही तो प्रमुख सचिव ने कहा, आप बजट मांगिए, हम देंगे। कहा, बजट का अभाव नहीं है।
मोबाइल से क्लिक की फोटो
प्रमुख सचिव ने अस्पताल में रोगियों की भीड़, क्षतिग्रस्त पानी टंकी और सर्जिकल वार्ड के बेडों पर लगीं क्षतिग्रस्त गंदी चादरों की अपने मोबाइल से फोटो क्लिक कीं।
जिला अस्पताल भी पहुंचे
प्रमुख सचिव जिला अस्पताल भी पहुंचे। यहां ब्लड बैंक, इमरजेंसी व अन्य वार्डों का मुआयना किया। यहां भी अव्यवस्था देख उन्होंने नाराजगी जाहिर की।