ऑनलाइन नहीं, अब बच्चों को स्कूल भेजो..
कोरोना काल में विद्यार्थियों और अभिभावकों की चिता थमने
सीतापुर: कोरोना काल में विद्यार्थियों और अभिभावकों की चिता थमने का नाम नहीं ले रही है। कुछ स्कूल अभिभावकों पर बच्चों को क्लास में भेजने के लिए दबाव बना रहे हैं। इससे अभिभावक परेशान हैं। उन्हें अपने बच्चों की चिता सता रही है।
बता दें कि अनलॉक में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए शासनादेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि अभिभावकों की सहमति के पश्चात ही बच्चों को स्कूल भेजा जा सकेगा। अब जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है तो स्कूल कोरोना प्रोटोकॉल की अनदेखी करने पर उतारू हैं। पुलिस लाइन इलाके के निवासी एक अभिभावक ने बताया कि स्कूल प्रबंधन उनके बच्चे को क्लास में भेजने का दबाव बना रहा है। ऑनलाइन क्लास के लिए लिक नहीं भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। ऐसे में यह मनमानी नहीं होनी चाहिए। ..तो चमकेगा बाजार
बच्चों को स्कूल बुलाने के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ी वजह तो फीस वसूली है। स्कूल प्रबंधन मान रहे हैं कि अगर बच्चे स्कूल आए तो फीस जमा करने का दबाव बनाया जा सकेगा। एक वजह स्कूल बाजार भी है। अभिभावकों का कहना है कि कुछ दिन के लिए बच्चों को भेजें तो उन्हें ठंड के लिए ड्रेस लेनी पड़ेगी। अगले साल यह ड्रेस बच्चों के लिए फिर बेकार हो जाएगी। इस वजह से अभिभावक बाकी सेशन भी बच्चों को ऑनलाइन ही पढ़ाना चाह रहे हैं। दिक्कत पता चली है, जल्द डीएम से मिलेंगे : अध्यक्ष
जागरूक अभिभावक संघ के अध्यक्ष आशीष मिश्र का कहना है कि कुछ अभिभावकों ने यह परेशानी उन्हें भी बताई है। उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई बिल्कुल बंद कर दी है। इस मसले को लेकर वह जल्द डीएम और डीआइओएस से मिलेंगे। अभिभावक अपनी सहमति से अ्गर बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं तो, उन पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।