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नदियों ने पार किया खतरे का निशान, गांजर में बाढ़ का कहर

पीड़ितों के बीच सरकारी राहत लापता खाद्य सामग्री पेयजल दवा के साथ पशुओं के लिए चारे का संकट। सुरक्षित स्थानों का रुख कर रहे प्रभावित गांवों के लोग।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 11:32 PM (IST)
नदियों ने पार किया खतरे का निशान, गांजर में बाढ़ का कहर
नदियों ने पार किया खतरे का निशान, गांजर में बाढ़ का कहर

सीतापुर : शारदा व घाघरा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। तटवर्ती गांवों में एक बार फिर बाढ़ का कहर है। घरों में डेढ़ से दो फिट तक पानी भर गया है। प्रभावित परिवार ऊंचे स्थानों की ओर कूच कर रहे हैं। वहीं, कई परिवारों ने अपने पक्के घरों की छत पर गृहस्थी को समेट लिया है। संपर्क मार्गो पर आवागमन बाधित है। लोगों के सामने पेयजल व खाद्य सामग्री का संकट है। मवेशियों के लिए चारे की किल्लत उत्पन्न हो गई है। वहीं, खरीफ की फसल डूब गई है।

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चहलारी संपर्क मार्ग पर पुलिया कटान में पिछले साल बह गई थी। इस मार्ग से गांवों में लोगों की जरूरतों जैसे खाद्य सामग्री, दवा, घरेलू सामान की आपूर्ति बाधित है। मेउड़ी छोलहा, पासिन पुरवा, श्रीराम पुरवा मार्गों पर आवागमन बाधित हो गया है। गोलोक कोडर के नगीना पुरवा, संबारी पुरवा, आशाराम पुरवा, निर्मल पुरवा, श्यामनगर, सुंदर नगर, जंगल टपरी, दर्जिन रेती, रामलाल पुरवा, ठेकेदार पुरवा समेत 36 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर तबाही मचा रहा है। मेउड़ी छोलहा, बजहा, कोलिया छड़िया, दुलामऊ, बसंतापुर, जटपुरवा, नकहा, बढ़ईडीह, ताहपुर, पकौरी, चौंसा, हरिहरपुर, नेवादा, डलिया, राजापुर, सीपतपुर, मानपुर, रंडा कोड़र और इन गांवों से जुड़े करीब 60 मजरा बाढ़ से प्रभावित हो गए हैँ। रविवार को मारूबेहड़ में बाढ़ राहत चौकी पर ड्यूटी से कर्मचारी भी लापता थे। बिसवां तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह ने बताया, बाढ़ चौकी के कर्मियों को राहत बांटने में लगाया गया है। नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। तटवर्ती गांवों को अलर्ट किया है। क्षेत्र में 20 नावें लगा दी हैं।

साइकिल से गांव पहुंचे एसडीएम :

लहरपुर एसडीएम पीएल मौर्य ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। साइकिल से भ्रमण के दौरान उन्होंने मीतमऊ, नकहा, परेवा, बंभेला गांव के लोगों का हालचाल लिया। बाढ़ चौकियों पर कर्मियों को निगरानी रखने के निर्देश भी दिए।

विधायक ने बांटे लंच पैकेट :

विधायक ज्ञान तिवारी व तहसील प्रशासन के कर्मचारियों ने प्रभावित गांवों में पहुंच कर दो हजार लंच पैकेट, राशन किट व तिरपाल बांटे। नायब तहसीलदार ज्ञानेंद्र कुमार व उनकी टीम भी इस कार्य में लगी रही।

बाढ़ पीड़ितों के सामने दिक्कतों का पहाड़

रामपुर मथुरा : फत्तेपुरवा मीटर गेज पर रविवार सुबह घाघरा नदी का जल स्तर 119.10 मीटर दर्ज किया गया। इस तरह नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 10 सेटीमीटर ऊपर है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ का कहर है। अंगरौरा, अखरी, शंकरपुरवा, निरंजनपुरवा समेत कई तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। गांव के चारों ओर पानी ही पानी है। जल स्तर बढ़ने से संपर्क मार्गो पर बाढ़ के पानी की तेज धारा चल रही है। ग्रामीण गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का प्रयोग कर रहे हैं। कई परिवार गनेशपुर-चहलारी बंधे की चले गए हैं। करीब डेढ़ दर्जन परिवार बंधा पर झोपड़ी में जीवन काट रहे हैं। बंधे पर प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। शौच जाने की भी समस्या है।

मौसम का बदला मिजाज, बूंदाबांदी ने दी राहत :

सुबह से आसमान पर बादल छाए थे। दस बजे धूप निकली, मगर कुछ देर बाद ही बादल फिर छा गए। दोपहर बारह बजे बारिश शुरू हो गई। बूंदाबांदी देर तक होती रही, जिससे मौसम खुशगवार बन गया। लोगों ने गर्मी व उमस से राहत महसूस की। हलकी बारिश व बूंदाबांदी से फसलों को भी लाभ मिला। गन्ना व धान की फसल को इस बारिश से अच्छा फायदा हुआ। धान की फसल में इस समय बालियां आ गई हैं। वहीं, गन्ने की बढ़वार का भी यही मुख्य समय है। ऐसे में बारिश की भूमिका अहम होगी।


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