नदी की धारा में बहे बचाव कार्य, खेतों का कटान तेज
घाघरा-शारदा नदी ने तेज की कटान छह कटर व दो स्टड नदी में समाए।
सीतापुर : मेउड़ी छोलहा से श्रीरामपुरवा तक के बाढ़-कटान वाले क्षेत्र में बचाव कार्य से संबंधित बंदोबस्त घाघरा नदी की धारा में बह गए। दुर्गापुरवा गांव में कटान रोकने के लिए बने दो स्टड व छह कटर भी नदी में समा गए। ऐसे में दुर्गापुरवा गांव के लिए भी खतरा बढ़ गया है। गांव के लोग गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर रहे हैं। वहीं, श्रीराम पुरवा गांव के पास नदी खेतों का तेजी से कटान कर रही है। करीब दस बीघा जमीन नदी में बह गई है। यहां से लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
गुरुवार को भी ग्रामीण गृहस्थी का सामान निकाल रहे थे। दुर्गापुरवा में सिपाही लाल, किशोरी लाल, रमेश कुमार, दुर्गा प्रसाद, प्रताप, कमलेश यादव, रामजस, पप्पू, लल्लन, रामलाल, गुरुप्रसाद व साबितराम आदि ग्रामीण गृहस्थी का सामान निकालने में जुटे थे। नदियों की बाढ़ का पानी दो दर्जन से अधिक तटवर्ती गांवों में प्रवेश कर गया है। इनसे जुड़े संपर्क मार्ग जलमग्न हैं। सिचाई अधिकारी कटान रोकने के लिए लगाए बंबू क्रेट बचाव नहीं कर पा रहे हैं। फौजदार पुरवा, परमेश्वर पुरवा, चौकी पुरवा, खुशी पुरवा गांव में हुए निर्माण कार्य प्रभावी नहीं रहे हैं। तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह ने बताया, नदियों का जल स्तर कुछ कम हुआ है। हालांकि दुर्गापुरवा गांव में घाघरा नदी कटान कर रही है।
बाढ़-कटान पीड़ितों में खलबली :
रामपुर मथुरा : घाघरा नदी के तटवर्ती अखरी व अंगरौरा गांव में बाढ़ का पानी भरा है। संपर्क मार्ग जलमग्न हैं। तहसील प्रशासन कटान पीड़ितों की उपेक्षा कर रहा है। बहुत से लोग तटबंध पर शरण लिए हैं। यहां पिछली बार तहसील प्रशासन ने मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की थी। इस बार सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। राशन वितरण में भी ढिलाई की जा रही है। बाढ़ में जहरीले जीव जंतुओं का खतरा बढ़ गया है।
सभी परियोजनाएं सुरक्षित हैं..
अधिशासी अभियंता-शारदा कैनाल विशाल पोरवाल ने बताया कि नदी की धार में कोई भी बचाव कार्य नहीं बहे हैं। हमारी सभी परियोजनाएं सुरक्षित हैं। लहरपुर व बिसवां तहसील क्षेत्र में नदियों के किसी भी तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं हुआ है। इधर, पिछले कई दिनों से नदियों का जलस्तर भी कम हो रहा है।