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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत न सुनवाई, मुसीबतें झेल रहे ग्रामीण

प्रशासन की ओर से किए जा रहे मदद के दावों को पीड़ितों ने झुठलाया राशन है न मवेशियों का चारा। कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में फोन करने पर नहीं मिली राहत।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:55 PM (IST)
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत न सुनवाई, मुसीबतें झेल रहे ग्रामीण
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत न सुनवाई, मुसीबतें झेल रहे ग्रामीण

सीतापुर : पट्टी दहेली के श्यामसुंदर ने फोन पर बताया कि दोपहर के ढाई बज रहे हैं और वह एक ऊंचे स्थान पर खड़े खड़े होकर दूर-दूर तक निगाह दौड़ा रहे हैं कि प्रशासन का कोई नुमाइंदा मदद लेकर आ रहा हो।

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श्यामसुंदर ने बताया कि मंगलवार को कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम फोन कर राशन की मदद मांगी थी। उनके गांव से 50 कदम की दूर पर शारदा नदी बहती है। पूरे गांव में बाढ़ का पानी भरा है। निकलने को रास्ता तक नहीं है। मवेशी भूख से चिल्ला रहे हैं और रस्सी तोड़कर भागने की कोशिश में है। गांव में लोग छतों पर रह रहे हैं।

श्यामसुंदर ने बताया कि लकड़ी के तख्त पर गृहस्थी है। प्रशासन स्तर पर कोई राहत नहीं मिली तो उनके गांव के राजकुमार, राकेश, अवधेश, रामचंद्र व गयादीन काफी इंतजार के बाद परिवार के साथ रिश्तेदारी में चले गए हैं। इसी तरह रामधार, धनीराम, रामजीवन, सतीष, राहुल भी परिवार लेकर रिश्तेदारी में चले गए हैं। राजेश पासी, अमीन गद्दी अपने मवेशी लेकर कटकुसमा रवाना हो गए। वहीं, शैलेश के घर का छप्पर भी गिर गया है। बताया कि गांव में चारे का विकट संकट है।

चाचा के घर की छत पर डेरा जमाए हो गए छह दिन :

बेहटा भवानीपुर के विनोद ने बताया कि वह अयोध्या में मजदूरी कर रहे हैं। गांव में उनके व रामकुमार के घर में बाढ़ का पानी भरा है। विनोद ने पत्नी व चारों बच्चों को चाचा सोबरन लाल के घर भेज दिया है। उनके परिवार के साथ ही विनोद का परिवार भी घर की छत पर छह दिन से रह रहा है। लेकिन, गांव में कोई हाल जानने तक नहीं आया। विनोद ने बताया कि 22 अक्टूबर की भोर में बाढ़ का पानी घर में घुस था। बाढ़ की वजह से गांव में बिजली भी गुल है।

पांच हजार लोग, भोजन के पैकेट आए 150 :

महमूदाबाद के धर्मपुर प्रधान प्रतिनिधि मोईन अली पिछले तीन-चार दिन से लगातार कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम को फोन कर रहे हैं। बताया कि बुधवार शाम भोजन के 150 पैकेट आए थे। गांव की आबादी पांच हजार है। इतने कम भोजन पैकेट में किस-किस को दें। सरजू पुरवा, जव्वारपुर, घोसियाना, आदिलपुरवा पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबे हैं। लोग अपने घर की छत पर रह रहे हैं। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि पूरा गांव जुकाम-बुखार से परेशान है। कई बार अधिकारियों को फोन किया तो गुरुवार को दो स्वास्थ्य कर्मी आए। बेहटा के सूहेतारा के पैकरमा ने बताया कि सोंसरी-रतौली बैराज से पानी आ रहा है। केशव व किशोरी समेत नौ लोगों के घर गिर गए हैं। लेखपाल भी मौका-मुआयना करने आए थे।

पूछ रहे थे, मदद मिली या नहीं..

गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी काल करने वाले पीड़ितों से पूछ रहे थे कि उन्हें मदद मिली या नहीं। उन्हें बताया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बिजली की भी समस्या है।


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