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लोक अदालत में मिली राहत, गिले-शिकवे भी हो गए दूर

ई-चालान बैंक कई वादों बीएसएनएल बिजली परिवारिक आदि तरह के मामलों का निस्तारण।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 11:30 PM (IST)
लोक अदालत में मिली राहत, गिले-शिकवे भी हो गए दूर
लोक अदालत में मिली राहत, गिले-शिकवे भी हो गए दूर

सीतापुर : लोक अदालत में जहां कई दंपति गिले-शिकवे दूर कर एक-दूजे के हो गए। वहीं, ई-चालान व बैंक आदि कई तरह के मामलों में पीड़ित पक्ष को राहत मिली है। ई-चालान के 6486 प्रकरण लगे थे। इनमें ज्यादातर मामले निस्तारित हो गए हैं।

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दिलावर को मिला पत्नी का साथ :

पिसावां के मुल्लाभीरी के दिलावर और उनकी नाराज पत्नी नरगिस के आपसी शिकवा भी लोक अदालत में दूर हो गए हैं। अदालत में पेश होने के बाद दिलावर और उनकी पत्नी नरगिस एक-दूसरे से खुश दिखे। अब जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहने को राजी हो गए हैं। दिलावर चार भाइयों व दो बहनों में सबसे बड़े हैं। साल भर पहले इनका विवाह हरदोई को सड़ियावां के सिघौना की नरगिस से हुआ था। ससुराल वाले नरगिस को विदा नहीं कर रहे थे तो दिलावर ने मार्च 2021 में केस किया था। लोक अदालत के हस्तक्षेप से दिलावर की तरह और कई दंपति एक दूजे के हो गए हैं।

बाइक का 45 हजार का चालान, प्रपत्र न मिलने से लटका मामला :

ई-चालान की लिस्ट वीरेंद्र का मामला 145 नंबर पर था। चूंकि मामले काफी संख्या में होने से कुछ प्रकरण अन्य अदालतों में भेजे गए थे। वीरेंद्र का मामला किस अदालत में है, वह जान नहीं पाया। यातायात पुलिस से भेजे गए चालान को खोजने के लिए कोर्ट कर्मी ने वीरेंद्र को सोमवार को फिर बुलाया है। वीरेंद्र ने बताया, वह इमलिया सुल्तानपुर के कुरकी अंगरासी का है। सात अक्टूबर 2020 के दिन बाइक का 45 हजार रुपये का चालान मुंशीगंज में हुआ था।

रेलवे कालोनी के अनिल कुमार ने बताया कि चार दिन पहले घर पर नोटिस आया था। तब पता चला कि पिता जी की बाइक का चालान हो गया है। शनिवार को लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो गया है। भागदौड़ बच गई। कव्वाखेर-बिसवां निवासी श्रीराम गुप्ता ने बताया कि सेमरा बाजार में किराना स्टोर है। इलेक्ट्रानिक कांटे का चालान हुआ था। सकरन थाने से नाटिस आई तब जान पाए। लोक अदालत में 3500 जुर्माना देकर मामला निस्तारित हो गया है। वैसे हमें लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती।

सुखावां खुर्द-सदरपुर के अनिल गुप्ता ने बताया कि दिबियापुर में हमारी किराना स्टोर की दुकान है। पता नहीं कैसे कंप्यूटरीकृत कांटे का चालान हो गया, जबकि हमारी दुकान पर कोई जांच करने भी नहीं आया। शमन आया तब जाने। लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो गया है।


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