नैमिषारण्य में रामचरित मानस पाठ का हुआ शुभारंभ
भगवान राम का नैमिषारण्य से अटूट संबंध रहा है। इसी मद्देनजर मानस पाठ शुरू हुआ।
By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 11:32 PM (IST)
सीतापुर : भगवान राम का नैमिषारण्य से अटूट संबंध रहा है। यह भी कहा जा सकता है कि पृथ्वी पर भगवान राम के जन्म लेने का कारण ही नैमिषारण्य की भूमि रही है। इस बात की पुष्टि महाकवि बाल्मीकि ने रामायण व गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में की है। यह बात मंदिर ललिता देवी के प्रधान पुजारी व कालीपीठ संस्थापक जगदंबा प्रसाद पुजारी ने राम जन्मभूमि पूजन के पूर्व कालीपीठ में दीप उत्सव तैयारी के दौरान कही। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के एक दिन पूर्व कालीपीठ, सत्यनारायण मंदिर प्रमुख माताजी, स्वामी हरिहरानंद आश्रम, स्वामी नारदानंद आश्रम सहित तीर्थ के विभिन्न आश्रमों में भूमि पूजन की खुशी को लेकर दीपोत्सव की तैयारी तथा श्री रामचरित मानस का पाठ शुरू कर दिया गया।
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