जीआइसी मैदान में सभा, लालबाग तक निकाला विरोध मार्च
सीतापुर किसान बिल के विरोध में किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। किसान संगठनों की अगुवाई में गांवों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर जमा हुए। जीआइसी मैदान में हुई सभा में किसान बिल और सरकारी संस्थानों के निजीकरण का विरोध किया।
सीतापुर : किसान बिल के विरोध में किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। किसान संगठनों की अगुवाई में गांवों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर जमा हुए। जीआइसी मैदान में हुई सभा में किसान बिल और सरकारी संस्थानों के निजीकरण का विरोध किया। किसान मंच के शिव प्रकाश सिंह, भारतीय किसान यूनियन के उमेश पांडेय व संगतिन किसान मजदूर संगठन की रिचा सिंह ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाई।
दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस व पानी की बौछार छोड़े जाने की निदा की। पदाधिकारियों ने कहा, किसानों की मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सभा के बाद किसानों ने लालबाग तक मार्च भी निकाला। खेती पर तीन कानून नामंजूर, किसान कानून रद्द करो, मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दो आदि नारे लगाते हुए किसान और संगठनों के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सटी मजिस्ट्रेट शिशिर कुमार को सौंपा। इस मौके पर रामबेटी, रीना पांडेय, जयपाल, बिटोली, रोशनलाल, कमलकिशोर आदि मौजूद रहे। प्रधानमंत्री से की इन मांगों के निराकरण की मांग
- किसान बिल रद किया जाए
- न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीद को कानूनी अपराध घोषित किया जाए
- मनरेगा में काम के दिनों को बढ़ाया जाए
- मनरेगा मजदूरी 600 रुपये प्रतिदिन की जाए
मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन की मांगें
- किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान तत्काल किया जाए
- गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की
- धान खरीद केंद्रों की गड़बड़ी दूर की जाए
- कोरोना को देखते हुए कम से कम एक वर्ष तक फ्री अनाज दिया जाए