किसान बिल के विरोध पर एमएलसी समेत 14 गिरफ्तार
सीतापुर किसान बिल के विरोध में सपा ने सोमवार को भी सीतापुर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन ि
सीतापुर: किसान बिल के विरोध में सपा ने सोमवार को भी सीतापुर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। सपा के पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन के साथ खूब आंख मिचौली खेली। आंख के अस्पताल के पास एएसपी डॉ. राजीव दीक्षित और एमएलसी आनंद भदौरिया के बीच नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने एमएलसी आनंद भदौरिया, जिला अध्यक्ष छत्रपाल यादव व पूर्व विधायक मनीष रावत समेत 17 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
दरअसल सपा के धरना-प्रदर्शन को लेकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही सतर्क थे। तमाम नेताओं को घर पर ही नजरबंद कर दिया गया था। इसके बावजूद करीब 11:45 बजे एमएलसी आनंद भदौरिया अपनी गाड़ी से आंख के अस्पताल के पास गांधी पार्क में पहुंच गए। एमएलसी समेत चार-पांच पदाधिकारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस पर एडीएम विनय कुमार पाठक, एएसपी डॉ. राजीव दीक्षित व अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने उन्हें रोका तो नोकझोंक शुरू हो गई। उस पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस वैन में बैठा लिया। पुलिस वैन में नहीं बैठे एमएलसी
गिरफ्तारी के बाद पुलिस वैन से ले जाने का भी एमएलसी आनंद भदौरिया ने विरोध किया। इस दौरान हल्की धक्कामुक्की भी हुई। इसके बाद में एमएलसी, जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक को सिटी मजिस्ट्रेट की गाड़ी से पुलिस लाइन भेजा गया। चकमा देकर पहुंच गए सीतापुर
सपा के धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन सुबह से ही जोरशोर से जुटा था। अधिकारी सतर्क रहे। जगह-जगह पुलिसकर्मी लगे थे। इसके बावजूद एमएलसी आनंद भदौरिया लखनऊ से सीतापुर आ गए और कुछ देर के लिए गांधी पार्क में धरने पर बैठ गए। छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष भी गिरफ्तार
बाद में छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव और संतोष प्रजापति आदि ने भी पार्टी दफ्तर के पास प्रदर्शन किया। इन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेजा। इसके अलावा पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल, पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी समेत तमाम नेता घर पर ही नजरबंद रहे। काले कानून किसानों के डेथ वारंट
हम तो शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे। पता नहीं सरकार किस बात से घबराई हुई है। क्या हम शांतिपूर्वक अपनी बात भी नहीं कह सकते। हम लोकतंत्र में किसानों के साथ हैं समाजवादी पार्टी पहले दिन से ही किसानों के साथ है। लोकतंत्र में ये काले कानून किसानों के लिए डेथ वारंट हैं।
- आनंद भदौरिया, एमएलसी सीतापुर
सपा के 14 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इन्हें पुलिस लाइन भेजा गया। बाद में सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
-तेजप्रकाश सिंह, शहर कोतवाल