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बॉटम - घर वालों, रिश्तेदारों की अनदेखी पर बूढ़ी मां को पुलिस ने दिया सहारा

रविवार को दैनिक जागरण के अंक में बेसहारा बुजुर्ग महिला का फोटो कैप्शन प्रकाशित होने के बाद शहर कोतवाल तेज प्रकाश सिंह उस बूढ़ी बेसहारा के पास पहुंचकर सहारा दिया। यही नहीं उसके सामान को ई-रिक्शा पर लोड कराया और बूढ़ी मां को अपनी गाड़ी पर बैठाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 11:07 PM (IST)
बॉटम - घर वालों, रिश्तेदारों की अनदेखी पर बूढ़ी मां को पुलिस ने दिया सहारा
बॉटम - घर वालों, रिश्तेदारों की अनदेखी पर बूढ़ी मां को पुलिस ने दिया सहारा

सीतापुर : आओ चलो अम्मा हम आपको लेने आए हैं, बहुत ठंडक है, यहां रहना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, हम आपको शेल्टर होम ले चलते हैं। वहां रजाई-गद्दा, खाना-पानी, रहन-सहन सब कुछ बहुत अच्छा है। कुछ इस तरह का भाव बेसहारा बूढ़ी अम्मा के पास शहर कोतवाल प्रकट कर रहे थे।

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रविवार को दैनिक जागरण के अंक में बेसहारा बुजुर्ग महिला का फोटो कैप्शन प्रकाशित होने के बाद शहर कोतवाल तेज प्रकाश सिंह उस बूढ़ी बेसहारा के पास पहुंचकर सहारा दिया। यही नहीं, उसके सामान को ई-रिक्शा पर लोड कराया और बूढ़ी मां को अपनी गाड़ी पर बैठाया। फिर उसे पुराने सीतापुर में बने शेल्टर होम ले जाकर कमरा दिलाया। हमराहियों ने बूढ़ी मां के सामान को दो मंजिला पर बने कमरे में ले जाकर रखा। इतना सब होने के बाद बूढी मां ने कोतवाल व उनके साथ मौजूद हमराहियों को जीवनभर खुश रहने का आशीर्वाद दिया। कहने का अर्थ ये है कि पुलिस ने जरूरतमंदों के बीच फिर अपनी छवि को प्रस्तुत किया है। बूढ़ी बेसहरा मां के प्रति शहर कोतवाल की इस हमदर्दी को देख वहीं खड़े धीरज सिंह, राकेश, नीरज व आसपास के दुकानदार भी पुलिस के बदलते भाव की सराहना करते सुनाई दिए। शेल्टर होम पहुंची बूढ़ी बेसहारा ने अपना नाम सुधा देवी बताया।

पति की मौत के बाद हुई बेसहारा : बूढ़ी बेसहारा सुधा देवी ने बताया, वह प्रेमनगर मुहल्ले की निवासी है। पति की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने मकान बेच दिया है। इसके बाद से वह पिछले दो साल से इसी तरह खुले आसमान के नीचे सड़क किनारों पर जिदगी काट रही थी।

अम्मा को खिलाया हलुआ : रविवार दोपहर के लगभग दो बज रहे थे। खबर लगते ही शहर कोतवाल तेज प्रकाश सिंह हमराही के साथ आंख अस्पताल तिराहे पहुंचे। यहां अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा के पड़ोस जमीन पर ईंट के चल्हे में आग जलाकर बूढ़ी मां बैठी थी। कोतवाल ने उसे सहारा देकर उठाया। फिर हलुआ मंगाकर खिलाया। इसके बाद उसे पूरे सम्मान के साथ शेल्टर होम पहुंचाया।


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