पापा जिला अस्पताल में और हम 'प्राणवायु' खोज रहे हैं..
सीतापुर तीमारदारों को ऑक्सीजन सिलिडर मिल नहीं रहा है और सरकारी अस्पताल में भी बात नह
सीतापुर: तीमारदारों को ऑक्सीजन सिलिडर मिल नहीं रहा है और सरकारी अस्पताल में भी बात नहीं बन रही। ऐसे में तीमारदार के लिए 'अपनों' को बचा पाना चुनौती साबित हो रहा है। ऑक्सीजन गैस की तलाश में रोगी से भी ज्यादा तीमारदार परेशान हैं। वैसे इन दिनों तड़के सुबह से देर रात तक लोहारबाग में विकास भवन के पीछे ऑक्सीजन गैस सिलिडर सप्लायर के यहां तीमारदारों की भीड़ रहती है। वह सप्लायर के हाथ-पैर जोड़ते दिखते हैं, पर सप्लायर भी करे तो क्या..। उसके पास ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता नहीं है। मछरेहटा के कटिया गांव के अमन राठौर शुक्रवार सुबह से लोहारबाग में ऑक्सीजन सप्लायर के यहां खड़े थे। शाम हो गई थी। गली में आने वाले प्रत्येक हल्के वाहन पर उनकी नजर थी। सप्लायर ने उनसे बोला था कि एक गाड़ी ऑक्सीजन गैस की सप्लाई लेकर आ रही है। अमन ने बताया, पापा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं। डाक्टरों ने बोला है कि ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था कर लो। इसी तरह यहां अन्य कई जरूरतमंद एक अदद आक्सीजन गैस सिलिडर के लिए खड़े थे। तीमारदारों ने बताया, यदि सप्लायर के पास ऑक्सीजन है तो वह खाली सिलिडर मांगता है। अब यह कहां से लाएं।
ऑक्सीजन गैस सिलिडर के लिए हम सुबह से लोहारबाग में खड़े हैं। शाम के पांच बज गए हैं। भूख-प्यास त्याग दी है। 52 वर्षीय मां गीता देवी को किडनी में दिक्कत है। शनिवार को बीसीएम में उनकी डायलिसिस करानी है। इसलिए ऑक्सीजन गैस की जरूरत पड़ेगी।
- प्रदीप सिंह यादव, आदर्शनगर
हमारे पिता सुरेश मिश्र कोविड से संक्रमित हो गए हैं। वह होम आइसोलेट हैं। उनकी आयु 55 वर्ष की है। ऑक्सीजन लेवल अप-डाउन होता है। इसलिए बहुत डर लगा रहता है। ऑक्सीजन सिलिडर के लिए हम सुबह से लोहारबाग में सप्लायर के यहां खड़े हैं, पर सिलिडर नहीं मिल पाया है।
- अभिषेक मिश्र, आदर्शनगर
हमारे मामा जी की तबीयत खराब है। उनका ऑक्सीजन लेवल में कमी आ जा रही है। मामा गोविद प्रसाद सिचाई विभाग में सींचपाल हैं। तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार रात को उन्हें जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया है, पर वहां ऑक्सीजन गैस की सुविधा नहीं है। इसलिए एक अदद ऑक्सीजन सिलिडर के लिए लोहारबाग में सुबह से खड़ा हूं।
- दिलीप कुमार, दुर्गापुरवा