हरगांव में मुसीबत बने ओवरलोड भारी वाहन
लखीमपुर खीरी-सीतापुर मार्ग पर ओवरलोड भारी वाहनों से कभी भी अनहोनी हो सकती है। चूंकि ये मार्ग कस्बे के अंदर से गुजरा है। इसलिए इस पर सुबह से देर शाम तक यातायात अधिक रहता है। फुटपाथ भी काफी व्यस्त रहता है। चीनी मिल से गन्ने की खोई ढोने वाले ओवरलोड भारी वाहन मार्ग पर हाई वोल्टेज बिजली लाइन में रगड़ते हुए निकलते हैं। ये ओवरलोड वाहन बिड़ला विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की तरफ से लक्ष्मननगर व रामनगर मुहल्ला होकर कस्बे के मुख्य चौराहे से लखीमपुर खीरी की ओर निकलते हैं।
सीतापुर : लखीमपुर खीरी-सीतापुर मार्ग पर ओवरलोड भारी वाहनों से कभी भी अनहोनी हो सकती है। चूंकि ये मार्ग कस्बे के अंदर से गुजरा है। इसलिए इस पर सुबह से देर शाम तक यातायात अधिक रहता है। फुटपाथ भी काफी व्यस्त रहता है। चीनी मिल से गन्ने की खोई ढोने वाले ओवरलोड भारी वाहन मार्ग पर हाई वोल्टेज बिजली लाइन में रगड़ते हुए निकलते हैं। ये ओवरलोड वाहन बिड़ला विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की तरफ से लक्ष्मननगर व रामनगर मुहल्ला होकर कस्बे के मुख्य चौराहे से लखीमपुर खीरी की ओर निकलते हैं। इस मार्ग पर तीन इंटर कॉलेज व दो अंग्रेजी माध्यम स्कूल हैं। इससे छात्र-छात्राओं की भी भीड़ रहती है। कस्बा वासियों का कहना है कि बिजली सप्लाई के दौरान यदि ओवरलोड भारी वाहन तार से छू गया तो किसी दिन बड़ा हादसा होने सकता है। चूंकि ओवरलोड भारी वाहनों को मुख्य चौराहा से कस्बे से बाहर लखीमपुर की ओर निकलते-निकलते 25-30 मिनट लगते हैं। इस मार्ग पर बिजली तारों का वैसे ही मकड़जाल है। बात यहीं तक नहीं सीमित है। ओवरलोड वाहन के कारण ही कस्बे में सीतापुर-लखीमपुर और लहरपुर मार्ग पर लंबा जाम लग जाता है। इससे कई घंटे यातायात प्रभावित रहता है। चीनी मिल कस्बे के अंदर है, इसलिए सीतापुर-लखीमपुर खीरी राज्यमार्ग पर गन्ने से ओवरलोड भारी वाहनों की भीड़ रहती है।
वर्जन--
कस्बे में ओवरलोड वाहनों के आवागमन पर रोक लगेगी। ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाएंगे। चौराहों पर जाम की स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए प्रयास होंगे।
- संजय पांडेय, थानाध्यक्ष-हरगांव