सीतापुर: कोरोना महामारी के कारण जब छात्रों की नियमित पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हुई थी तब ऑनलाइन शिक्षा ही विकल्प के रूप में आई थी। यह वैकल्पिक व्यवस्था आज भी अनवरत चल रही है। इस व्यवस्था के सहारे ही नर्सरी से विश्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई चल सकी। वर्तमान की जरूरत बन चुकी यह व्यवस्था आगे कब तक जारी रहेगी कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि अभी तक कोरोना कोई उपचार नहीं खोजा जा सका है। इसलिए जब तक कोई व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक इसका चलते रहना बहुत जरूरी है। शिक्षकों ने इस व्यवस्था को सुचारु रखने में बहुत मेहनत की। शिक्षकों ने वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढ़ाने का काम किया। यद्यपि छात्र व शिक्षक के आमने सामने जैसा पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति के मुताबिक यह ही ठीक है क्योंकि इसके सहारे ही कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए यह जरूरी है।
अनुराग मिश्र, प्रधानाध्यापक
प्रावि मुबारकपुर, खैराबाद
अभिभावक की बात
बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की ²ष्टि से ऑनलाइन शिक्षा ही सबसे उपयुक्त साधन है। बच्चे घर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। अभी संक्रमण थमा नहीं है। जब तक दवा या वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक बच्चे घर पर ही सुरक्षित रहकर पढ़ाई करें यही बढि़या है।
आरती त्रिपाठी, पूर्णागिरि नगर
छात्र की बात
कोरोना संक्रमण के दौरान से जब स्कूल बंद हुए तब से अब तक मैंने ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण की। हमारे विद्यालय के सभी शिक्षकों ने हम सभी को पढ़ाने का काम किया। घर में ही बैठकर सुरक्षित माहौल में पढ़ाई की इससे कोरोना संक्रमण से बचाव हो गया।
अनुज पांडेय, कक्षा 10
सुमित्रा मॉडर्न एकेडमी
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